कैसे लगता है सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण, समझिए अंतरिक्ष का विज्ञान आसान भाषा में, जानें में भारत में कब दिखेगा

वॉशिंगटन: आपने सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बारे में जरूर सुना होगा। अक्टूबर के महीने में यह दिखने वाले हैं। सूर्य ग्रहण जहां अमेरिका में दिखेगा तो वहीं, चंद्र ग्रहण एशिया समेत दुनिया के बाकी हिस्सों में दिखेगा। ग्रहण क्या होते हैं और सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में अंतर जानने से पहले कुछ सामान्य विज्ञान को समझ लेते हैं। हमारे सबसे नजदीक का सितारा सूर्य अपनी जगह स्थिर है। हमारा घर यानी पृथ्वी इसका चक्कर लगाता है। पृथ्वी के साथ ही चांद भी सूर्य का चक्कर लगाता है। लेकिन चांद पृथ्वी का भी चक्कर लगाता है और इस दौरान वह धरती के नजदीक और दूर भी होता रहता है।

सबसे पहले सूर्य ग्रहण को समझते हैं। जब चांद सूर्य का चक्कर लगा रहा हो, लेकिन इस दौरान वह सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाए। चांद इस हिसाब से दोनों के बीच में आए, जिससे उसकी परछाई धरती पर पड़ने लगे तो वह सूर्य ग्रहण कहलाएगा। इस दौरान जहां परछाई पड़ रही होगी वहां के लोग आसमान में सूर्य को आधा या पूरा ढका हुआ पाएंगे। 14 अक्टूबर को वलयाकार सूर्य ग्रहण अमेरिका में दिखेगा। यह एक ऐसा सूर्य ग्रहण होता है, जिसमें चांद धरती से दूर होता है। ऐसे में यह सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता, जिससे आसमान में आग की रिंग दिखती है।

क्या होता है चंद्र ग्रहण

आसमान में चांद सूर्य के प्रकाश के कारण चमक रहा होता है। लेकिन इस दौरान कई बार पृथ्वी बीच में आ जाती है। इसी कारण पृथ्वी की परछाई चांद पर पड़ने लगती है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण की तरह वलयाकार चंद्र ग्रहण नहीं होता। क्योंकि पृथ्वी चांद की अपेक्षा काफी बड़ी है, इसी कारण उसकी परछाई भी पर्याप्त होती है। अगर यह पूर्ण चंद्र ग्रहण हो तो चांद उम्ब्रा से होकर गुजरेगा जो पूर्ण परछाई वाली जगह होता है।

28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में भी दिखाई देगा।चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की खास बातचंद्र ग्रहण के दौरान चांद पूरी तरह नहीं गायब होता है।इसका रंग इस दौरान लाल हो जाता है।वायुमंडल में लाल रोशनी के कारण ऐसा होता है।

सूर्य और चंद्रग्रहण दोनों ही पूर्ण और आंशिक हो सकते हैं।सूर्य ग्रहण पूरा दिखेगा या आधा वह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसे कहां से देख रहे हैं।लगभग हर 18 महीने में कहीं न कहीं पृथ्वी पर पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है।