ग्राउंड रिपोर्ट: केरल के त्रिवेंद्रम में इस बार कड़ा मुकालबला, शशि थरूर या चंद्रशेखर, जानें किसकी लगेगी लॉटरी?

त्रिवेंद्रम: करीब 3 बजे का वक्त है और चिलचिलाती धूप। पाचललु इलाके में सड़क किनारे करीब 20-25 लोग खड़े हैं जिनमें 10-12 महिलाएं हैं। साथ ही ड्रम बजाने वाला एक ग्रुप भी है। कुछ देर बाद बीजेपी का कैंपेन सॉन्ग बजाती हुई गाड़ी आई और उसके पीछे की ओपन गाड़ी में बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार राजीव चंद्रेशखर हैं। गाड़ी से ही लोगों से हाथ मिला रहे हैं और उनका अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं। करीब एक मिनट गाड़ी यहां पर रूकी और फिर आगे बढ़ गई। पीछे 25-30 बाइक भी हैं। जो इस चुनावी काफिले के साथ आगे चली गई।गाड़ियों के आगे बढ़ने के बाद सड़क किनारे ही पैराफिट पर ललिथा बैठ गई। ललिथा बताती हैं कि वे बीजेपी को सपोर्ट कर रही हैं। वजह पूछने पर कहती हैं कि सरकार ने काम किया है। रोजगार के बारे में बात शुरू करने पर वह बताती हैं कि उनका बड़ा बेटा बिजनेस करता है और नौकरी की दिक्कत तो है ही। उनके पति भी वहीं पास में ही हैं, हमें बातचीत करता देख वे भी आ गए। उन्होंने कहा कि नौकरी की दिक्कत है। सरकारी नौकरी हैं नहीं और प्राइवेट फैक्ट्री भी कम हैं। बहुत वक्त से कोई नए प्राइवेट कंपनी नहीं आई है इसलिए बिजनेस करना होता है। महंगाई पर भी वह बात करते हैं और सबके लिए राज्य की एलडीएफ सरकार को जिम्मेदार बताते हैं।कौन होगा लकीयहां से आगे बढ़े और कुछ युवाओं से बात की, वे लॉटरी टिकट की स्टॉल के आगे खड़े हैं। केरल में सरकार ही लॉटरी टिकट बेचती है और लगभग हर कोई कभी न कभी लॉटरी टिकट जरूर खरीदता है। बिजू ने बताया कि मैंने अब तक चार बार लॉटरी टिकट लिया लेकिन कभी लकी नहीं रहा। चुनाव में कौन लकी रहेगा? ये पूछने पर वे कहते हैं कि एलडीएफ उम्मीदवार पी. रवींद्रन अच्छे आदमी हैं। वह बिल्कुल हमारे जैसे हैं सामान्य से। बाकी दो उम्मीदवार (कांग्रेस और बीजेपी के) तो अमीर हैं। लेकिन मुकाबला तो उन दोनों के बीच ही है। इस सीट पर यूडीएफ की तरफ से कांग्रेस के शशि थरूर उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को उम्मीदवार बनाया है। पद्मनाभन स्वामी मंदिर के बाहर गोविंद मिले जो अपना कोचिंग सेंटर चलाते हैं। वह कहते हैं कि पिछली बार मैंने शशि थरूर को वोट दिया था लेकिन इस बार शायद बीजेपी को दूंगा।किस तरफ है केरल का झुकावकेरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी और सीनियर पॉलिटिकल साइंटिस्ट जी.गोपाकुमार कहते हैं कि केरल की पॉलिटिकल सिचुएशन कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ के फेवर में है। यहां लंबे वक्त से यूडीएफ और एलडीएफ के बीच ही मुकाबला होता रहा है। बीजेपी इस बार चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है। केरल में 20 सीट हैं लेकिन बीजेपी करीब 7-8 सीटों पर ही इस स्थिति में है जहां वे 25 पर्सेंट से ज्यादा वोट ला सकती है। वह कहते हैं कि केरल में इस वक्त एलडीएफ सरकार के खिलाफ स्ट्रॉग एंटीइनकंबेंसी है। यह भी यूडीएफ को फायदा पहुंचाएगा। राहुल गांधी का केरल से लड़ना भी यूडीएफ को फायदा दे रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर कहीं जीत की उम्मीद कर सकती है तो वह त्रिवेंद्रम और त्रिशूर सीट में हो सकती है। वह कहते हैं कि त्रिवेंद्रम सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। काफी लोग यहां चेंज चाहते हैं और शशि थरूर को हराना चाहते हैं। यह बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर के पक्ष में जाता है लेकिन इसमें भी एक दिक्कत है। त्रिवेंद्रम में 7 असेंबली सीट हैं इनमें 3 कोस्टल एरिया में हैं। यहां अल्पसंख्यक वोट ज्यादा है। विधानसभा में ये एलडीएफ के साथ जाते हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में ये कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। एलडीएफ के कमजोर होने का सीधा फायदा थरूर को मिलेगा। गोपाकुमार कहते हैं कि त्रिशूर में बीजेपी के जीत के ज्यादा चांस हैं क्योंकि यहां मुकाबला त्रिकोणीय है और इसकी वजह से बीजेपी को फायदा हो सकता है। यहां तीनों कैंडिडेट मजबूत हैं। त्रिशूर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार मलयालम एक्टर सुरेश गोपी हैं। एलडीएफ से वीएस सुनील और यूडीएफ से के. मुरलीधरन उम्मीदवार हैं।