क्या करें जब आपके इलाके में दिखे तेंदुआ, दिल्ली वन विभाग जारी करेगा SOP

नई दिल्ली: दिल्ली वन विभाग जल्द ही तेंदुओं के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (standard operating procedure) जारी करेगा। यह एसओपी इंसानों और तेंदुए के बीच तनाव को रोकने के लिए तैयार हो रही है। हाल ही में दिल्ली में कुछ जगहों पर रिहायशी इलाकों में तेंदुए के दिखने की घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिए वन विभाग ने एसओपी पर काम शुरू कर दिया है।आबादी वाले इलाकों में घुस रहा तेंदुआइसी तरह के एक हादसे में एक अप्रैल को घनी आबादी वाले जगतपुर गांव के एक घर में तेंदुआ घुस गया था। लोगों ने उसे घर में बंद कर दिया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने तेंदुए का रेस्क्यू किया। अधिकारी के अनुसार तेंदुआ को देखते ही लोगों ने उसे घेर लिया। लोगों के हाथों में रॉड और डंडे थे। ऐसे में तेंदुआ उग्र हुआ और उसने आठ लोगों को जख्मी किया। वन विभाग के अनुसार दिल्ली में तेंदुए का ठिकाना काफी सालों के बाद बना है। इसलिए लोगों को जागरूक करना काफी जरूरी है। इसके प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। वन विभाग की टीमें तेंदुआ दिखने के संभावित क्षेत्र नॉर्थ दिल्ली और साउथ दिल्ली के लोगों को बता रही है कि तेंदुआ दिखने पर क्या करें और क्या न करें? इस तरह के कार्यक्रम का मकसद यही है कि जानवर और इंसान एक दूसरे को चोट न पहुंचाएं और सामना होने पर दोनों सुरक्षित रहें। तेंदुओं को लेकर एहतियातअधिकारी के अनुसार नॉर्थ दिल्ली में अब भी तेंदुओं को लेकर एहतियात बरती जा रही है। वन विभाग की टीमें नियमित पेट्रोलिंग कर रही हैं। साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। स्थानीय लोगों को बताया जा रहा है कि वह खासतौर पर रात के समय तेंदुए की पहचान कैसे करें? तेंदुआ दिखने के बाद ऐसा क्या करें कि जानवर उन पर अटैक न करें? अधिकारी के अनुसार तेंदुआ दिखने पर भीड़ एकत्रित करने और शोर मचाने की बजाय चुपचाप वहां से किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए। डीडीए बायोडायवर्सिटी पार्क्स प्रोग्राम (biodiversity parks program) के फैयाज खुदसर ने बताया कि नॉर्थ दिल्ली में भी अब तेंदुए दिख रहे हैं। तेंदुए के यहां तक पहुंचने का संभावित रूट सिर्फ फ्लड प्लैन ही हो सकता है। सही संख्या पता लगाने के लिए होगा सेंससदिल्ली में तेंदुओं की सही आबादी पता लगाने के लिए वन विभाग जल्द ही एक सेंसस करेगा। यह पहला सेंसस होगा जो सिर्फ तेंदुओं के लिए होगा। इसकी शुरुआत असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी से होगी। यह सेंसस तीन महीने में पूरा होगा और इसके लिए 20 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। असोला के बाद दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क में भी सेंसस होंगे। इसके लिए डिपार्टमेंट अभी कैमरा ट्रैप खरीद रहा है। इससे पूर्व असोला भाटी में जानवरों का सेंसस जून 2021 और जून 2022 में हुआ था। उसमें आठ तेंदुओं का पता चला था। बताया गया कि इनमें से पांच स्थाई तौर पर असोला भाटी में ही रह रहे हैं। हाल में कब कब दिखे हैं तेंदुएदिसंबर 2023 को नॉर्थ दिल्ली में एनएच-44 पर खाटूश्याम मंदिर के पास अलीपुर मेंदिसंबर 2023 को साउथ दिल्ली में सैनिक फॉर्म के आसपासजनवरी 2024 को नॉर्थ दिल्ली के बवाना मेंअप्रैल 2024 को नॉर्थ दिल्ली के जगतपुर मेंआखिर क्यों बार-बार दिख रहे हैं तेंदुएजिस तरह से दिल्ली के रिहायशी इलाकों में तेंदुए दिख रहे हैं, साफ है कि अब एनसीआर से होते हुए इनके लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाने की जरूरत है। सर्दियों में जहां तेंदुए अपना इलाका बढ़ाने के लिए कई किलोमीटर का सफर करते हैं, वहीं गर्मियों में यह खाना और पानी की तलाश में आबादी में आते हैं। गर्मियों के दौरान जब जंगल सूखते हैं तो यह आबादी क्षेत्र में आने लगते हैं। इसलिए वन विभाग और अधिकारियों को चाहिए कि इनके आने-जाने के संभावित रूटों को पहचानकर इनके लिए सुरक्षित रास्ता बनाया जाए।