लखनऊ की मेजबानी में गुरुवार से शुरु होगा खेलो इंडिया सब जूनियर महिला हॉकी लीग का अंतिम चरण

~नौ टीमों को दो पूल में किया गया विभाजित~
Lucknow, 27 मार्च . New Delhi में दिसंबर 2023 में चरण 1 और जनवरी 2024 में चरण 2 के सफल समापन के बाद, दूसरे खेलो इंडिया सब जूनियर महिला हॉकी लीग के अंतिम चरण का आयोजन 28 मार्च से 6 अप्रैल तक Lucknow, Uttar Pradesh के पद्म मोहम्मद शाहिद सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम में किया जाएगा.
नौ टीमों को दो पूल में बांटा गया है. पूल ए में साई शक्ति टीम, ओडिशा नेवल टाटा हॉकी हाई परफॉर्मेंस सेंटर, खेलो इंडिया स्टेट एक्सेलेंसी सेंटर बिलासपुर, भाई बहलो हॉकी अकादमी भगता और हर हॉकी अकादमी शामिल हैं, जबकि साई बाल टीम, प्रीतम सिवाच हॉकी अकादमी, जय भारत हॉकी अकादमी और राजा करन हॉकी अकादमी पूल बी में शामिल हैं. .
प्रत्येक पूल से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी, जो 5 अप्रैल को निर्धारित है. इस बीच, अपने-अपने पूल में तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें टूर्नामेंट में अपनी अंतिम स्थिति निर्धारित करने के लिए 5वें/8वें वर्गीकरण मैचों में प्रतिस्पर्धा करेंगी. सेमीफाइनल हारने वाली टीमें तीसरे/चौथे स्थान के प्ले-ऑफ में खेलेंगी, जबकि विजेता 6 अप्रैल को होने वाले फाइनल में जाएंगे.
आगामी टूर्नामेंट को लेकर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने कहा, “जमीनी स्तर पर खेल को बढ़ाने की दिशा में हॉकी इंडिया की प्रतिबद्धता में यह एक और कदम है. हमने दूसरे खेलो इंडिया सब जूनियर महिला हॉकी लीग के पहले दो चरण पहले ही सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं और अंतिम चरण भी पूरा करेंगे, मुझे कोई संदेह नहीं है, एक अद्भुत टूर्नामेंट होगा. यह लीग प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है, उन्हें शुरुआती दौर में बेहतरीन परिस्थितियों में खेलने के लिए आवश्यक अनुभव प्रदान करती है और बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए अपने कौशल को निखारती है जो एक दिन देश का नाम रोशन कर सकते हैं.”
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, यह भारतीय हॉकी के भविष्य के सितारों को विकसित करने और जमीनी स्तर से प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण लाने की दिशा में हमारे लगातार प्रयासों का उदाहरण है.
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि इस तरह के घरेलू टूर्नामेंट प्रतिभाओं की पहचान करने में उपयोगी साबित हुए हैं. दूसरी खेलो इंडिया सब जूनियर महिला हॉकी लीग भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के हमारे दृष्टिकोण में मदद करेगी.”