दिल्ली को दहलाने की थी साजिश, तैयारी ऐसी कि सुनकर कांप जाएंगे, कोर्ट ने भेजा 20 साल के लिए जेल

नई दिल्ली: साल 2019 की सर्दियों का वक्त था। जहांजैब सामी अपनी पत्नी हिना बशीर बैग के साथ जम्मू-कश्मीर से दिल्ली आए थे। दोनों की शादी उसी साल 6 अक्टूबर को हुई थी। उस वक्त अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर में बंद की स्थिति थी।

शादी के दो हफ्ते बाद ही यह जोड़ा दिल्ली आ गया था। सामी के पास बीटेक और एमबीए की डिग्री थी और वह ब्रिटेन की एक कंपनी में काम कर रहे थे। बैग ने कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक करने के बाद एमबीए भी किया था, लेकिन इसके अलावा भी इनकी एक और दुनिया थी और वह थी आतंक की दुनिया।

कश्मीर से आया यह कपल दिल्ली में एक दिन में ही 100 बम धमाके करने की प्लानिंग कर चुका था। इसके लिए दोनों को आंतकी संगठन ISIS से निर्देश मिल रहे थे। हालांकि अब दोनों गिरफ्त में हैं और कपल को ज्यूडिशल कस्टडी में भेज दिया गया है। दोनों को 20 साल की जेल भी हो गई है। आखिर इन दोनों ने कैसे अपने आंतक के आकाओं के इशारे पर देश में इतनी बड़ी प्लानिंग कर रहे थे।

दिल्ली में लिया घर और अचानक हुई दरवाजे पर दस्तक जहांजैब सामी अपनी पत्नी हिना बशीर बैग दोनों की उम्र 35 साल के आसपास थी। कश्मीर से दिल्ली आते ही उन्होंने जामिया नगर के सी ब्लॉक में एक फ्लैट किराए पर लिया। शुरुआत में, वे वीकएंड पर फिल्म देखने या ओखला बर्ड सेंचुरी घूमने जाते थे। लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चला। जल्द ही, नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और कपल ज्यादातर घर के अंदर ही रहने लगा।

अगला साल भी कोविड के कारण कुछ खास नहीं रहा और दोनों ने अपना ज्यादातर समय घर के अंदर इंटरनेट पर बिताया। लेकिन 8 मार्च 2020 की सुबह, दिल्ली पुलिस की आतंकवाद रोधी इकाई के जासूस उनके दरवाजे पर आए। इस कपल को गिरफ्तार कर लिया गया और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनिय (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया।

इस अचानक हुई कार्रवाई से उनके परिवारवाले परेशान हो गए। खुला राज तो सब रह गए दंग पुलिस के मुताबिक, इंटरनेट की दुनिया में समी और बैग पूरी तरह से अलग पहचान रखते थे। असल में बैग हनाबी और कटिजा अल कश्मीरी बनकर रहती थीं, जबकि समी खुद को जैब, अबू अब्दुल्लाह और अबू मुहम्मद-अल-हिंद बताता था।

पुलिस का कहना है कि ये दोनों आतंकी संगठन ISIS के सदस्य थे और सीरिया और अफगानिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारों पर काम कर रहे थे। इस मामले में काफी हंगामा होने के बाद 10 दिनों में इस केस को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया। कुछ समय हिरासत में रहने के बाद, इस कपल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। चार साल और एक महीने बाद, अदालत ने इस कपल को दोषी करार दिया है।

सोमवार को, समी को खिलाफत स्थापित करने और शहर में एक ही दिन में 100 धमाके करने की साजिश रचने के आरोप में तीन से 20 साल की अलग-अलग सजा सुनाई गई, जबकि बैग को दो-दो साल की सात साल की सजा सुनाई गई। इस तरह इस मामले का अंत हो गया। अदालत की ओर से माने गए जांच से पता चला कि इन्हें गिरफ्तार करने से पहले कई महीनों तक इन पर निगरानी रखी जा रही थी। 2019 की गर्मियों में, खुफिया एजेंसी के जासूस एक एन्क्रिप्टेड चैट प्लेटफॉर्म पर हनाबी नाम के अकाउंट से हो रही बातचीत को रोकने के बाद सतर्क हो गए थे।

जांच आगे बढ़ाने पर पुलिस को दो संदिग्ध लोग मिले जो कुछ ISIS गुटों के संपर्क में थे। ये उस वक्त की बात है जब आतंकी संगठन ने “विलायत-अल-हिंद” के नाम से भारत-विशिष्ट अभियान शुरू किया था। “सावत-अल-हिंद” (वॉयस ऑफ इंडिया) नाम की एक डिजिटल पत्रिका भी ऑनलाइन और टेलीग्राम जैसे ऐप्स पर सामने आई थी। पुलिस का दावा है कि ये दोनों लोग सीएए/एनआरसी विरोध प्रदर्शनों के दौरान चल रहे हिंसा को भड़काने और कुछ युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए उकसा रहे थे।

एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, ये कपल आईएस-खोरासान प्रांत के अबू उस्मान अल कश्मीरी के संपर्क में था और उसी ने ये पत्रिका तैयार करवाई थी. ये दोनों आईएस कमांडर हुजैफा अल बकिस्तानी से प्रभावित थे जिन्हें 2019 में अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में एक ड्रोन हमले में मार दिया गया था और पत्रिका में उनके पहले लेखों में से एक में मारे गए आतंकी का गुणगान किया गया था. हालांकि पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश में लगी थी, लेकिन “जैब और हनाबी” को ढूंढना आसान काम नहीं था। ये कपल कंप्यूटर का बहुत अच्छा इस्तेमाल करना जानता था और उन्होंने अपने सबूत छिपाने में काफी दिमाग लगाया था, लेकिन जासूस आखिरकार उनके नेटवर्क में घुसपैठ करने में कामयाब हो गए।

एक जांच अधिकारी ने बताया कि उनके आपसी बातचीत से पता चला कि वे पूरे भारत में लोगों को आतंकवाद की राह पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि पुणे में पढ़ाई करने वाली हिना और उसका पति भी पुणे के ही एक दंपत्ति के संपर्क में थे। वह आदमी एक जिम ट्रेनर था और उसकी पत्नी सादिया पहले से ही आतंकी संगठन ISIS से जुड़े होने के शक में एजेंसियों की निगरानी में थी। जांच में पता चला है कि हिना ने सादिया को किसी आने वाले मिशन में सुसाइड बेल्ट पहनने के लिए राजी कर लिया था।