मोबाइल में प्रेमी जोड़े की वो फोटो, कब्र से निकली लाश… फिर खुली शीरी हत्याकांड की उस रात की कहानी

नई दिल्ली: तारीख थी 13 अप्रैल 2024… और जगह यूपी के पीलीभीत का जहानाबाद इलाका। सुबह का वक्त था और दो दिन पहले बीती ईद की रौनक अभी भी गांव में बरकरार थी। अचानक एक घर से एक चीख सुनाई देती है। माहौल में हलचल बढ़ जाती है और लोग उस चीख की आवाज की तरफ दौड़ते हैं। किसी को कुछ समझ आता, तब तक घर के अंदर से रोने की आवाजें आने लगती हैं। लोगों की भीड़ घर के अंदर दाखिल होती है, तो हर किसी के पैरों तले से जमीन खिसक जाती है। सामने 16 साल की एक लड़की की लाश पड़ी थी। नाम था शीरी। पास में ही उसके दादा-दादी बैठे दहाड़ें मारकर रो रहे थे। दिन बीतता है और अगले रोज लाश को गांव के कब्रिस्तान में दफ्न कर दिया जाता है।ये मौत कैसे हुई, किसी के पास कोई जवाब नहीं था। पूरे गांव में एक मायूसी थी… एक अजीब सा सन्नाटा था। गांव का हर घर इस मौत से हैरान था। लोगों के बीच सुगबुगाहट थी, लेकिन खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा था। लड़की के मां-बाप नेपाल में थे। एक भट्टे पर मजदूरी के लिए गए हुए थे। बेटी की मौत की खबर मिली, तो दोनों आनन-फानन में वापस गांव लौटे। लेकिन तब तक, बेटी की लाश को दफनाया जा चुका था। शीरी की मौत एक रहस्य बन चुकी थी। लेकिन तभी, एक दिन मां के हाथ लगता है उसका मोबाइल और सामने आती है, 16 साल की इस लड़की की मौत की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी। मोबाइल से ऐसे मिला शीरी के कत्ल का सुरागशीरी की मां को उसका जो मोबाइल मिला, वो बंद था। उसे ठीक कराया गया तो मां ने सबसे पहले मोबाइल की गैलरी चेक की। अपनी बेटी की ही कुछ तस्वीरों के बाद उनकी निगाहें एक तस्वीर पर ठहर गईं। तस्वीर थी यूपी पुलिस के एक सिपाही की, जिसके साथ एक लड़की भी थी। गौर से देखा तो पता चला कि वो लड़की गांव में ही रहने वाली शीरी की एक सहेली है। मां ने उससे उस तस्वीर के बारे में पूछा, लेकिन कोई सीधा जवाब नहीं मिला। अब मां का माथा ठनक गया। अगले दिन शीरी के मां-बाप पुलिस के पास पहुंचे और पूरी बात बताई। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी।23 दिन बाद कब्र से निकाली गई शीरी की लाशशीरी के मोबाइल में दिखी फोटो मुरादाबाद में तैनात सिपाही राजकुमार की थी। अब सवाल था कि आखिर शीरी की मौत का सच क्या है? उसकी मौत को 23 दिन बीत चुके थे। पुलिस ने अब शीरी की लाश को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रिपोर्ट आई तो पुलिस भी हैरान रह गई। शीरी की हत्या गला दबाकर की गई थी। शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस ने राजकुमार और उसकी प्रेमिका पर शीरी की हत्या का शक जताया और दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। सभी को लगा कि शीरी की मौत की गुत्थी सुलझ गई, लेकिन ऐसा नहीं था। उसकी मौत का सच कुछ और था। बेगुनाह निकले सिपाही और उसकी प्रेमिकामामले की तफ्तीश के दौरान पुलिस ने शीरी के मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड निकलवाए। चेक करने पर एक नंबर मिला, जिसपर शीरी हर दिन लंबी बात करती थी। ये नंबर था गांव के ही मोहम्मद साहिम का। साहिम से पूछताछ हुई तो पूरी तस्वीर शीशे की तरह साफ हो गई। शीरी के कत्ल में इल्जाम में पकड़ा गया सिपाही राजकुमार और उसकी प्रेमिका बेगुनाह निकले। दरअसल, राजकुमार अपनी प्रेमिका से शीरी के मोबाइल के जरिए ही बात करता था। एक तरह से शीरी उन दोनों के बीच महज बातचीत का एक जरिया थी। दोनों की वो फोटो भी इसी वजह से शीरी के मोबाइल पर भेजी गई थी। तो फिर, शीरी का कत्ल किसने किया? जवाब था- मोहम्मद साहिम।वक्त से पहले शीरी के घर पहुंचा साहिम और फिर…पुलिस ने बताया कि साहिम और शीरी के बीच पिछले करीब चार साल से इश्क चल रहा था। शीरी के मां-बाप काम के लिए बाहर गए हुए थे और वो घर में अपने दादा-दादी के साथ अकेली थी। ईद के अगले दिन 12 अप्रैल को शीरी ने रात के अंधेरे में साहिम को मिलने के लिए घर बुलाया। इत्तेफाक से साहिम वक्त से पहले ही उसके घर पहुंच गया। वहां पहुंचकर उसने देखा कि शीरी के कमरे से दो लड़के निकल रहे हैं। उसके दिमाग में शक बैठ गया। उसने शीरी से उन दोनों लड़कों के बारे में पूछा। शीरी उसे कुछ समझाने की कोशिश कर ही रही थी कि साहिम का गुस्सा भड़क गया। उसने एक हाथ से शीरी का मुंह दबाया और दूसरे से उसका गला। गला दबने से शीरी की आंखें फटने लगीं, लेकिन साहिम के हाथ नहीं कांपे। आखिरकार शीरी ने दम तोड़ दिया। इसके बाद साहिम चुपचाप कमरे से निकला और भाग गया। पुलिस ने अब उसे शीरी की हत्या के इल्जाम में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।