NBT ग्राउंड रिपोर्ट : कोई लहर नहीं… 2019 और अब में माहौल और लोगों के मूड में दिखा क्या बदलाव?

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सफर में 12 राज्यों के लोगों से बातचीत ने देश के और मूड और माहौल की झलक दी। 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त भी एनबीटी ने इसी रूट पर जाकर देश का मूड समझने की कोशिश की थी। पांच साल में लोगों के कुछ मुद्दे अब भी वही हैं तो कई नए मुद्दे तेजी से उभरे हैं।मोदी लहर नहीं दिखी2019 में जब जम्मू से शुरू होकर नागपुर तक लोगों से बातचीत की तो यह साफ दिख रहा था कि कम या ज्यादा, जो भी है लेकिन मोदी लहर है। कई लोगों ने तब साफ कहा कि ब्रैंड मोदी बरकरार है। लेकिन पांच साल बाद इसी रूट पर लोगों का मिजाज बदला दिखा। पांच साल पहले जहां लोग अपने कुछ मुद्दे गिना रहे थे वहीं बदलाव की जिक्र खुलकर नहीं कर रहे थे लेकिन इस बार कई लोग ऐसे मिले जिन्होंने अपनी बात ही शुरू बदलाव की उम्मीद से की।तब अभिनंदन और अब राशन2019 में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोगों ने उस वक्त इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन और पाकिस्तान में आतंकी कैंप में एयरस्ट्राइक का जिक्र किया। मोदी सरकार को सपोर्ट करने की एक बड़ी वजह उस वक्त एयरस्ट्राइक को गिनाया। लेकिन इस बार राष्ट्रवाद जैसा कोई मुद्दा कहीं नजर नहीं आया लेकिन बीजेपी के लिए उस वक्त जिस तरह अभिनंदन की वापसी का मुद्दा काम कर रहा था उसी तरह इस बार उसकी जगह फ्री राशन ने ले ली है। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान के कई लोगों ने कहा कि उन्हें फ्री राशन स्कीम का फायदा मिल रहा है और इसलिए वह मोदी सरकार के साथ हैं।वक्त लगता है से 10 साल देख लियापिछले लोकसभा चुनाव में कई वोटर्स ने बेरोजगारी का जिक्र किया लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि सरकार काम कर रही है और सबकुछ ठीक करने में वक्त लगता है। लोग उस वक्त मोदी सरकार को एक और मौका देने की बात पर ज्यादा जोर दे रहे थे। हालांकि इस बार बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा दिखा और हर राज्य के लोगों ने बेरोजगारी को लेकर बात की और नाराजगी भी जताई। जहां पिछले चुनाव में लोग ठीक करने में वक्त लगता है कि बात कर रहे थे वहीं इस बार ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने कहा कि 10 साल देख लिया है।जो नहीं बदला- किसान की दिक्कत से लेकर नागपुर के लोगों की चाहतपांच साल में जो नहीं बदला वह है यूपी के किसानों की दिक्कत और नागपुर के लोगों की चाहत। पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी यूपी के किसानों ने जानवरों से परेशान होने की बात कही और उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा वही था। इस बार भी यूपी के किसानों ने कहा कि सांड खेत में घुस जाते हैं और कई किसानों को घायल कर दिया है। नागपुर से गुजरने पर नागपुर के लोग बीजेपी नेता नितिन गडकरी का जिक्र जरूर करते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी वह चाहते थे कि गडकरी पीएम बनें और इस बार भी नागपुर के लोगों ने यही कहा कि वे गडकरी को पीएम देखना चाहते हैं।नया वोटर जुड़ा या नहींजम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सफर में बीजेपी को 2014 से लेकर आज तक भी सपोर्ट करने वाले लोग तो मिले लेकिन एक भी ऐसा शख्स नहीं मिला जिसने यह कहा कि पहले बीजेपी को वोट नहीं दिया लेकिन इस बार बीजेपी के साथ हैं। हालांकि कुछ ऐसे लोग जरूर मिले जिन्होंने नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के लिए 2014 और 2019 में वोट दिया था लेकिन इस बार उनका विचार बदला हुआ है या फिर उन्होंने अभी तय नहीं किया है कि किसके साथ जाना है। हालांकि इस बार 8.1 पर्सेंट नए वोटर जुड़े हैं। जहां 2019 में 89.6 करोड़ वोटर थे वहीं इस बार 96.8 करोड़ वोटर्स हैं। बीजेपी ने फर्स्ट टाइम वोटर्स पर काफी फोकस भी किया है।