सीताराम केसरी को बाथरूम में बंद कर दिया…रातोंरात उठाकर बाहर फेंक दिया, PM मोदी क्यों किया पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष का जिक्र

नई दिल्ली : के पांचवे दौर के मतदान से पहले ने और गांधी परिवार पर तीखा निशाना साधा। एक इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने गांधी परिवार पर कांग्रेस पर कब्जा करने का आरोप लगाया। इस क्रम में प्रधानमंत्री में जवाहर लाल नेहरू से लेकर तक जिक्र किया। पीएम मोदी ने कांग्रेस में गैर-गांधी अध्यक्ष पुरुषोत्तम दास टंडन और का भी जिक्र किया। उन्होंने गांधी परिवार पर कांग्रेस के संविधान का पालन नहीं करने का आरोप भी लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी ने अपनी ही पार्टी के संविधान का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि गांधी परिवार को खुश करने के लिए कांग्रेस के व्यवस्था के तहत चुने गए अध्यक्षों को हटाया गया है।जब केसरी को बाथरूम में किया था बंदविपक्ष के 400 सीट और संविधान बदलने के आरोप से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान का क्या किया? ये संविधान की बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संविधान का क्‍या हुआ मैं पूछता हूं? क्‍या ये परिवार कांग्रेस पार्टी के संविधान को स्वीकार करता है? आपको याद होगा कि टंडन जी (पुरुषोत्तम दास टंडन) को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। संविधान के तहत बने थे। पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जी को टंडन जी मंजूर नहीं थे। फिर नेहरू जी ने ड्रामा किया और बोले कि मैं कार्यसमिति में नहीं रहूंगा। पूछा क्यों, क्योंकि इनको आखिरकार, कांग्रेस पार्टी को इलेक्‍टेड राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाना पड़ा, इस परिवार को खुश करने के लिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। व्यवस्था के तहत बने हुए थे। कोई मुझे बताए उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया। रातोंरात उठाकर बाहर फेंक दिया और मैडम सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बन गईं। उन्होंने कहा कि मेरे पास जानकारी नहीं है, लेकिन मेरे मन में सवाल उठता है कि जो इस प्रकार से कांग्रेस पार्टी पर कब्जा करते हैं, मैं जानना चाहूंगा कि आज कांग्रेस के जितने पदाधिकारी हैं, वे कब कांग्रेस के मेंबर बने थे? देश को वो डिक्लेयर करें, अपने संविधान के हिसाब से।’संविधान की बात बोले का हक नहीं’पीएम मोदी ने कहा, अब बताइए ये संविधान की बात बोलने का उनको हक है क्‍या। दूसरा इन्‍होंने संविधान के साथ क्‍या किया, मैं तो कहता हूं कि जो पहला संविधान बना उसकी एक आत्मा भी है और शब्द भी। आत्मा क्या थी- संविधान निर्माताओं ने बड़ी बुद्धिमानी की थी कि जो लिखित में चीज रखी जाएगी, वो वर्तमान और भविष्‍य के लिए होगी। लेकिन, हमारा एक भव्य भूतकाल भी है, हमारी भव्य विरासत है, उसका क्या करेंगे। तब तो संविधान बहुत बड़ा हो जाएगा, तो उन्‍होंने बड़ी बुद्धिपूर्वक संविधान को चित्रों को मढ़ा। पीएम मोदी ने कहा कि ये सारे चित्र भारत की हजारों साल की विरासत हैं। रामायण हो, महाभारत हो, सारी चीजें उसमें हैं। पंडित नेहरू ने पहला काम क्या किया, संविधान की इस पहली प्रति को डिब्बे में डाल दिया और बाद में जो संविधान छपा, वो इन चित्रों के बिना था। यानी इन्‍होंने उन चित्रों को काट दिया। मोदी ने कहा कि 15 अगस्त के बाद का हिंदुस्तान शुरू कर दिया, अपने परिवार की जय-जयकार करने के लिए।कांग्रेस परिवार पर चुन-चुन कर निशानापीएम मोदी ने कहा कि इन्‍होंने संविधान की आत्मा पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पहला संशोधन पंडित नेहरू ने अभिव्यक्ति की आजादी पर कैंची चलाने का किया। ये संविधान की आत्मा पर पहला प्रहार था। फिर संविधान की भावना पर उन्होंने प्रहार किया। इन्‍होंने अनुच्छेद-356 का दुरुपयोग करके 100 बार उन्होंने देश की सरकारों को तोड़ा। पीएम मोदी ने कहा कि फिर इमरजेंसी लेकर आए। एक तरीके से तो उन्होंने संविधान को डस्टबिन में डाल दिया। इस हद तक उन्होंने संविधान का अपमान किया। उन्होंने कहा कि फिर उनके बेटे आए, पहले नेहरू जी ने पाप किया, फिर इंदिरा गांधी ने किया, फिर राजीव गांधी आए। मोदी ने कहा कि राजीव गांधी तो मीडिया को कंट्रोल करने के लिए एक कानून ला रहे थे। शाहबानो का सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट उखाड़ कर फेंक दिया और संविधान को बदल दिया, क्योंकि वोटबैंक की राजनीति करनी थी। पीएम ने कहा कि वो चुनाव के दिन थे, इसलिए वो रुक गए। फिर उनके सुपुत्र आए, शहजादे जी वो तो कुछ हैं ही नहीं एक एमपी के सिवा। कैबिनेट के निर्णय को उन्होंने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के अंदर फाड़ दिया। ये संविधान की बातें करते हैं।