पहले IIT से बनीं इंजीनियर, फिर यूपीएससी से IPS… एक साल बाद फिर दी परीक्षा, तो निकला ये रिजल्ट?

नई दिल्ली: यूपीएससी… देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक। जिसमें हर साल लाखों की संख्या में उम्मीदवार शामिल होते हैं। लेकिन, चुनिंदा ही प्री स्तर की परीक्षा पास कर पाते हैं। इसके बाद इनमें से भी चंद उम्मीदवार ही ऐसे निकलते हैं, जिनका नाम मेंस क्लियर करने के बाद इंटरव्यू की लिस्ट में आता है। और, इंटरव्यू का बेहद मुश्किल दौर पास करने के बाद बनती है उन सफल उम्मीदवारों की लिस्ट, जो अफसर बनकर देश की व्यवस्था संभालते हैं। इस कड़ी में आज हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं, वो कहानी है गरिमा अग्रवाल की, जिन्होंने एक नहीं बल्कि दो बार यूपीएससी की परीक्षा दी। मध्य प्रदेश के खरगौन जिले की रहने वालीं गरिमा अग्रवाल का परिवार बिजनेस से जुड़ा है। लेकिन, गरिमा को बिजनेस संभालने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। पढ़ाई में वो शुरू से ही तेज थीं, इसलिए अपनी खुद की अलग पहचान बनाना चाहती थीं। खरगौन के सरस्वती विद्या मंदिर से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद गरिमा ने जेईई की परीक्षा पास की और उन्हें आईआईटी हैदराबाद में एडमिशन मिल गया। इंजीनियरिंग पूरी हुई, तो गरिमा इंटर्नशिप के लिए जर्मनी चली गईं। अब गरिमा के सामने इंजीनियर के तौर पर एक शानदार करियर था। लेकिन, उनकी निगाहें किसी और लक्ष्य पर थीं। पहले ही प्रयास में मिला आईपीएस कैडरगरिमा वापस लौटीं और यूपीएससी के जरिए आईएएस अधिकारी बनने का फैसला लिया। तकरीबन डेढ़ साल तक उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की और 2017 की यूपीएससी मेरिट लिस्ट में उनका नाम आ गया। गरिमा ने यूपीएससी में 240वीं रैंक हासिल की और इस रैंक के आधार पर उन्हें आईपीएस कैडर मिल गया। गरिमा के आईपीएस अधिकारी बनने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन अभी वो सपना पूरा होना बाकी था, जिसके साथ उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। और ये सपना था आईएएस बनने का।आईपीएस की ट्रेनिंग के साथ की यूपीएससी की तैयारीगरिमा एक बार फिर से यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। इस बार गरिमा की रणनीति थोड़ी अलग थी। उन्होंने अपनी उन कमजोरियों पर ज्यादा फोकस किया, जिनकी वजह से पिछली परीक्षा में उन्हें आईएएस की रैंक नहीं मिल सकी। इधर गरिमा की आईपीएस की ट्रेनिंग जारी थी और उधर अगली परीक्षा के लिए तैयारी। वो हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग लेने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई करती रहीं। अगले साल 2018 में गरिमा ने फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार उनका सपना पूरा हो गया। दूसरे प्रयास में पाई 40वीं रैंक और बन गईं आईएएसदूसरे प्रयास में गरिमा अग्रवाल को यूपीएससी में 40वीं रैंक मिली। उन्हें आईएएस कैडर मिल गया। फिलहाल गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (एडीएम) के पद पर नियुक्त हैं। सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्रों को गरिमा सलाह देती हैं कि प्री परीक्षा, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी व्यक्तिगत करने के बजाय सामूहिक रूप से करनी चाहिए। यूपीएससी में 40वीं रैंक पाने तक का गरिमा का सफर शुरुआत से ही कीर्तिमानों से भरा था। परिवार भले ही बिजनेस से जुड़ा था, लेकिन वो केवल अपनी पढ़ाई पर फोकस रखती थीं। गरिमा ने अपनी 10वीं की परीक्षा में 92 फीसदी और 12वीं में 89 फीसदी नंबर हासिल किए थे। उनकी बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल भी भारतीय डाक सेवा में हैं।