UPSC में 4 बार फेल, नाकामयाबी की लंबी कहानी… लेकिन फिर भी सीना चौड़ा करती है उमा की कहानी

नई दिल्ली: कहते हैं कि किसी मंजिल को पाने के लिए जितनी अहमियत आपके संघर्ष की होती है, उससे कहीं ज्यादा होती है आपके आत्मविश्वास की। अक्सर लोग संघर्ष तो पूरी शिद्दत से करते हैं, लेकिन जब एक या दो बार में कामयाबी नहीं मिलती तो हार मानकर घर बैठ जाते हैं। लेकिन, कुछ ऐसे भी होते हैं, जो खुद पर भरोसा करना नहीं छोड़ते। ऐसे लोगों की कोशिश हर हार के बाद और ज्यादा बढ़ जाती है और आखिर में मंजिल उनके कदम चूमती है। ऐसी ही कहानी है की, जो एक या दो बार नहीं, बल्कि लगातार चार बार यूपीएससी की परीक्षा में मेरिट में जगह बनाने में नाकामयाब रहीं। हालांकि, उमा ने हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में उनका नाम यूपीएससी की टॉप 3 रैंक वाली लिस्ट में शामिल था।तेलंगाना के नलगोंडा जिले की रहने वाली उमा हरथी आईआईटी हैदराबाद से सिविल इंजीनियरिंग कर चुकी थीं। आईआईटी के बाद उन्होंने यूपीएससी के जरिए सिविल सर्विस में जाने का मन बनाया। उमा के पिता खुद आईपीएस हैं, इसलिए बेटी के फैसले में भरपूर सपोर्ट किया। हालांकि, सबकुछ इतना आसान नहीं था। अपने पहले दो प्रयासों में उमा हरथी इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच पाईं। लेकिन, ऐसे मौके पर उनके पिता ने उन्हें लगातार कोशिश करते रहने का मंत्र दिया और उमा एक बार फिर से तैयारी में जुट गईं। इस बार उमा इंटरव्यू तक तो पहुंचने में सफल रहीं, लेकिन मेंस परीक्षा में उनका प्रदर्शन ठीक नहीं रह पाने की वजह से उनका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं आया।जब आया पांचवीं कोशिश का नंबरकिसी इंसान की हिम्मत तोड़ने के लिए नाकामयाबी का एक ही झोंका बहुत होता है, और उमा तीन बार असफल हो चुकी थीं। परिवार ने फिर से उमा की हिम्मत बांधी और उन्होंने भी पूरी तैयारी के साथ चौथी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। लेकिन, शायद उमा के हिस्से में अभी और संघर्ष लिखा था और वो इस बार भी इंटरव्यू तक पहुंचने से चूक गईं। अब बारी थी पांचवें प्रयास की… उमा ने प्री और मेंस क्लियर किए और इंटरव्यू के लिए उन्हें बुलाया गया। उमा ने एक बार फिर खुद पर भरोसा कायम रखते हुए इंटरव्यू दिया और जब 23 मई 2023 को यूपीएससी परीक्षा 2022 का रिजल्ट आया, तो उन्होंने तीसरी रैंक हासिल कर कामयाबी की एक नई इबारत लिख डाली।टॉप 3 में उमा का नामइस रिजल्ट की एक खास बात और थी। दरअसल, इस बार यूपीएससी में शुरूआती चार रैंक महिलाओं के नाम थी। पहले नंबर पर इशिता किशोर, दूसरे पर गरिमा लोहिया, तीसरे स्थान पर उमा हरथी और चौथे नंबर पर स्मृति मिश्रा। पिछले साल के रिजल्ट में भी टॉप 3 में महिलाएं ही थीं, लेकिन इस बार देश की आधी आबादी ने एक छलांग और लगाई। उमा हरथी बताती हैं कि अपने आप पर हमेशा भरोसा रखें। यूपीएसएसी की परीक्षा अपने आप में एक संपूर्ण परीक्षा है, इसलिए इस बात को समझें और उसी तरीके से रणनीति तैयार करें। असफलता भी जीवन का एक हिस्सा है, इसलिए इसे भी स्वीकार करना सीखें। इसलिए, अगर आप किसी परीक्षा में सफल नहीं होते, तो कोई बात नहीं, आप एक बेहतर इंसान बनेंगे और दुनिया का सामना दूसरों के मुकाबले कहीं अधिक तैयारी से करेंगे।’चुनौतियां तो बहुत थीं, लेकिन मेरी तैयारी लंबी थी’उमा हरथी ने रिजल्ट के बाद अपनी असफलताओं पर भी खुलकर बात की थी। उनसे जब उनके बार-बार नाकामयाब होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ये मेरी पांचवीं कोशिश थी और दूसरा इंटरव्यू, लेकिन यहां तक आने की तैयारी काफी लंबी थी। पापा-मम्मी केवल साथ खड़े ही नहीं थे, बल्कि एक मजबूत स्तंभ थे. बहुत मुश्किल था, लेकिन परिवार ने निराश नहीं होने दिया। चुनौतियां तो बहुत सारी थीं, लेकिन मेरे पास मेरी वो गलतियां भी थीं, जिनसे मैं सीखने की लगातार कोशिश करती रही।’