Budget 2023 Income Tax LIVE: बजट में इनकम टैक्‍स पर क्या-क्या, हर बड़ा अपडेट यहां

नई दिल्‍ली: लोग बजट 2023 में इनकम टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव (Income Tax Slab Changes) की आस लगाए हैं। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पब्लिक को खुशखबरी दे सकती हैं। आखिरी बार साल 2014 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। लोगों को उम्मीद है कि इस साल स्लैब में बदलाव से टैक्स में कुछ छूट मिलेगी। सरकार ने अभी तक इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं की है। 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार का पहला बजट पेश करते हुए यह सीमा तय की थी। 2019 से स्टैंडर्ड सीमा 50,000 रुपये बनी हुई है। सरकार का मानना है कि महंगाई के उच्च स्तर में वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर छूट की सीमा और मानक कटौती बढ़ाने की जरूरत है। वित्त मंत्री के हाल ही में दिए बयान से मध्यम वर्ग को बजट में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जागी है। वित्त मंत्री ने कहा था कि वे इस वर्ग पर मौजूद दबाव से अवगत हैं। उन्होंने कहा था, ‘मैं भी मध्यम वर्ग से हूं, इसलिए मैं इस वर्ग पर दबाव को समझती हूं। मैं खुद को मध्यम वर्ग के साथ मानती हूं? इसलिए मैं जानती हूं। मैं इन समस्याओं को समझती हूं। सरकार ने उनके लिए बहुत किया है और लगातार कर रही है।’

Budget 2023 Income Tax Slab Changes (केंद्रीय बजट 2023 में आयकर स्‍लैब से जुड़े बदलाव)

बजट 2023: क्‍या-क्‍या छूट मिल सकती है?छूट सीमा और मानक कटौती में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80सी के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है। इसमें जीवन बीमा, एफडी, बॉन्ड, आवासीय और पीपीएफ व अन्य सेवाएं आती हैं। फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है। सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए पूंजीगत लाभ कर नियमों को भी आसान कर सकती है। इससे मध्यम वर्ग के निवेशकों को लाभ होगा। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने मांग है कि 5 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के बीच 10 प्रतिशत का टैक्स स्लैब वापस लाया जाए। इसके अलावा 10 लाख तक अधिकतम 10 प्रतिशत और उसके बाद कॉरपोरेट टैक्स की तरह अधिकतम 25 प्रतिशत टैक्स होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वृद्ध टैक्सपेयर को उनके टैक्स के आधार पर ओल्ड ऐज बेनिफिट मिलना चाहिए। टैक्सपेयर की वृद्धावस्था में पिछले सालों में दिए गए इनकम टैक्स के हिसाब से उसे सोशल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनिफिट की भी सुविधा मिले।