नई दिल्ली: अमेरिका के दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित प्रभाव पर अपने विचार साझा किए हैं। वारेन बफेट को लगता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) परेशानी खड़ी कर सकती है। उनका कहना है कि ये उसी तरह खतरनाक हो सकती है जैसे परमाणु बम। वॉरेन बफे ने हाल ही में बर्फशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) की वार्षिक शेयरधारकों की बैठक के दौरान यह बात कही है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतनी तरक्की कर चुका है कि इसके इस्तेमाल से असली लगने वाली फर्जी वीडियो बनाई जा सकती हैं। बफे ने खुद ऐसा ही एक वीडियो देखा था जिसमें उनकी आवाज में कोई ऐसा संदेश दिया जा रहा था जो उन्होंने कभी नहीं दिया था। उनका कहना है कि ये वीडियो इतना असली लगता था कि उनका परिवार भी इसे असली समझ लेता।क्यों घबराए वॉरेन बफेट वॉरेन बफे ने बताया कि इस वीडियो को देखकर वह घबरा गए थे। बफे मानते हैं कि AI अच्छी भी हो सकती है और बुरी भी। ये समाज को बहुत फायदा भी पहुंचा सकती है और बहुत बड़ा नुकसान भी। लेकिन अभी ये कहना मुश्किल है कि इसका क्या असर होगा। उन्हें इस टेक्नॉलजी की पूरी जानकारी नहीं है, पर ये जरूर लगता है कि ये सावधानी से इस्तेमाल करने वाली चीज है। बफे के मुताबिक, वह एआई के बारे में कुछ नहीं जानते, लेकिन इसके अस्तित्व या महत्व या इस तरह की किसी भी चीज़ से इनकार नहीं करते। बफे के मुताबिक, पिछले साल उन्होंने कहा था कि जब हमने परमाणु हथियार विकसित किए थे, तब हमने एक जिन्न को बोतल से बाहर निकाला था। अब वह जिन्न हाल ही में कुछ भयानक काम कर रहा है। एआई भी कुछ हद तक ऐसा ही है। यह बोतल से बाहर आ चुका है। एआई का कैसा प्रभाव होगा बर्कशायर के किस व्यवसाय पर एआई का प्रभाव पड़ने की संभावना है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमारे व्यवसायों के संदर्भ में, वे चीजों को समझ लेंगे। हमारे पास स्मार्ट लोग हैं और जाहिर है कि अगर इसका उपयोग समाज हितैषी तरीके से किया जाता है, तो इससे समाज को बहुत लाभ होगा। लेकिन मैं नहीं जानता कि आप यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि ऐसा ही हो, ठीक वैसे ही जैसे मैं यह नहीं जानता कि द्वितीय विश्व युद्ध में जब आप दो परमाणु बमों का उपयोग करते हैं, तो आपको पता होता है कि आपने ऐसा कुछ नहीं बनाया है जिससे आप बाद में दुनिया को नष्ट कर सकें।’