विदिशाः जिले में गेहूं भूसा परिवहन पर प्रतिबंध, आदेश जारी

विदिशा, 28 मार्च . Collector एवं जिला दंडाधिकारी बुद्धेश कुमार वैद्य ने ग्रीष्म ऋतु में हरे चारे घास की कमी को दृष्टिगत रखते हुए गौवंश के उपयोग एवं जिले में संचालित गौशालाओं में भूसे की आपूर्ति के लिए केवल गेहूं भूसा को जिले की सीमा से बाहर निर्यात या परिवहन किया जाना प्रतिबंधित किया गया है. Thursday को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक के प्रस्ताव से सहमत होकर यह आदेश जारी किया गया है.
यह आदेश आगामी दो माह की अवधि के लिए प्रभावशील रहेगा. उक्त आदेश मात्र गेहूं भूसा निर्यात को प्रतिबंधित किया गया है. चना, मसूर, तेवडा आदि का भूसा तथा ज्वार एवं धान के डंठल के निर्यात या परिवहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे.
जारी आदेश में उल्लेख है कि जिले के कृषकों द्वारा फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों में आग लगाई जाकर नष्ट कर दिया जाता है. जिसके परिणामस्वरूप आगजनी की घटनाएं तो घटित होती ही है, पशु चारे की कमी भी निर्मित होती है, उक्त कारणों से जिले में नरवाई को जलाया जाना प्रतिबंधित किया गया है. प्रतिबंध उपरांत फसल कटाई के अवशेषो (नरवाई) से (गोवंश) के उपयोग हेतु भूसा बनाया जाकर संधारित किया जाना आवश्यक है. वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ हो गई है तथा जिले में जानवरो के खाने के लिए हरे घास की कमी हो जाएगी. जिले में फसल कटाई हेतु कम्बाईन हॉर्वेस्टर के साथ स्ट्रा रीपर के उपयोग यानि स्ट्रॉ मेनेजमेन्ट सिस्टम (एसएमएस) को भी अनिवार्य किया गया है, जिससे फसल अवशेषो (नरवाई) से भूसे का निर्माण हो सके.
जिले के समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तथा Police अधिकारी आदेश का क्रियान्वयन करते हुए पालन सुनिश्चित करेंगे. यह आदेश विदिशा जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में तत्काल रूप से प्रभावशील होगा. आदेश की उल्लंधन की दशा में धारा 188 तथा म. प्र. पशु चारा निर्यात नियंत्रण आदेश नियम-2000 एवं अन्य विधिक प्रावधानों के अतर्गत संबंधितों के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी.