ब्रह्मोस मिसाइल पाकर गदगद हुआ चीन का ये दुश्मन देश, बताया मील का पत्थर

मनीला: भारत ने पिछले महीने ही शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल पहली खेप फिलीपींस को सौंपी है। फिलीपींस को ये हथियार ऐसे समय में मिला है, जब दक्षिणी चीन सागर में उसका चीन के साथ तनाव बढ़ा है। दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिनी जाने वाली ब्रह्मोस को हासिल करके फिलीपींस के हौसले बुलंद हैं। फिलीपींस ने ब्रह्मोस को शामिल करने को देश के रक्षा आधुनिकीकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया है। भारत में फिलीपींस के राजदूत इग्नासियो ने वियॉन न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ब्रह्मोस एक ‘विश्वसनीय प्रतिरोध’ देती है।इग्नासियो ने भारत और फिलीपींस के बीच गहराते संबंधों को स्वीकार किया और कहा कि ऐसी गहरी दोस्ती उन्होंने पहले नहीं देखी है और यह बहुत स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, ‘फिलीपींस और भारत के बीच राजनयिक संबंध का ये 75वां साल है लेकिन हमारे रिश्ते सदियों पुराने हैं। हमारे बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और लोगों से लोगों के संबंध के रूप में बहुत कुछ साझा है। फिलीपींस में भारतीय समुदाय सदियों से मौजूद हैं।’ब्रह्मोस को बताया भारत की ताकत का सबूतब्रह्मोस मिसाइल को लेकर मनीला के प्रतिनिधि ने कहा, यह फिलीपींस को विश्वसनीय प्रतिरोध प्रदान करती है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कई दशकों से हम अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करने और विश्वसनीय प्रतिरोध का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमें ब्रह्मोस से मिला है। उन्होंने आगे कहा, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और रक्षा के मामले में ब्रह्मोस का अधिग्रहण फिलीपींस के लिए मील का पत्थर है। यह भारत के रक्षा उद्योग, रक्षा क्षमता और इसके बढ़ते रक्षा पदचिह्न के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक जिम्मेदार खिलाड़ी बनने के लक्ष्य को भी मान्यता देता है।’भारत ने सौंपी है ब्रह्मोस की पहली खेपफिलीपींस ने देश के रक्षा आधुनिकीकरण के लिए साल 2022 में भारत के साथ 37.5 करोड़ डॉलर का सौदा किया था। इसके तहत भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ ही इसकी बैटरियां, लॉन्चर और दूसरे उपकरण फिलीपींस को सौंपेगा। 19 अप्रैल को भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप फिलीपींस को सौंपी थी। ये पहली बार था जब भारत ने किसी दूसरी देश को ब्रह्मोस मिसाइल दी।