दाड़ीभिट कांड में हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ पहुंची राज्य सरकार

Kolkata , 19 मार्च . दाड़ीभिट स्कूल में भूगोल की जगह उर्दू शिक्षक की नियुक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे दो छात्रों की गोली मारकरMurder मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए State government ने खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है. Tuesday को अदालत ने मामला दर्ज करने के राज्य के अनुरोध को स्वीकार कर लिया. मुख्य judge टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि राज्य की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.
15 मार्च को जस्टिस राजशेखर मंथा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई में State government और Police की भूमिका पर सवाल उठे. इस मामले में जस्टिस मंथा ने पिछले दिनों जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को प्रभावित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए. आरोप है कि 10 माह बाद भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो सका है. उस शिकायत को लेकर मृतक के रिश्तेदार नीलकमल सरकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिकाकर्ता के वकील पार्थ घोष ने पिछले Friday को सुनवाई में कहा कि State government ने अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया है. कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि सीआईडी ने जांच के दस्तावेज भी एनआईए को नहीं सौंपे.
जस्टिस मंथा ने सवाल उठाया कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और एडीजी सीआईडी के खिलाफ रूल जारी की. जज ने अपने आदेश में कहा कि पांच अप्रैल को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और एडीजी सीआईडी कोर्ट में पेश हों और बताएं कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया. जस्टिस मंथा के आदेश को चुनौती देते हुए State government ने इस बार मुख्य judge की खंडपीठ में मामला दायर किया.
सितंबर 2018 में, उत्तरी दिनाजपुर के इस्लामपुर में दाड़ीभिट हाई स्कूल में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गोली चली थी. उस झड़प में राजेश सरकार और तापस बर्मन नाम के दो छात्रों की गोली मारकरMurder कर दी गई थी. फायरिंग के आरोप स्थानीय Police पर लगे थे.