नई दिल्ली, 15 मई 2025: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) को उनके विवादित बयान के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि “देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए मंत्रियों को हर शब्द सोच-समझकर बोलना चाहिए।“ कोर्ट ने यह टिप्पणी कर्नल सोफिया कुरैशी (Col. Sofiya Qureshi) के खिलाफ शाह के आपत्तिजनक बयान पर दर्ज FIR की चुनौती वाली याचिका की सुनवाई के दौरान की।
प्रमुख बिंदु:
- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने 14 मई को विजय शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया था।
- CJI बी.आर. गवई (CJI B.R. Gavai) ने कहा, “संवैधानिक पद पर बैठे लोगों से संयम बरतने की उम्मीद की जाती है।“
- शाह के वकील ने दावा किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया (misinterpreted) और वह कुरैशी का सम्मान करते हैं।
कोर्ट की टिप्पणी:
- “क्या सिर्फ इसलिए कि कोई मंत्री है, हम इस मामले को स्वीकार करें?” – कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट में राहत मांगने का सुझाव दिया।
- शाह के वकील ने FIR पर रोक लगाने की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट ने कहा कि 24 घंटे में कोई कार्रवाई नहीं होगी।
मामले की पृष्ठभूमि:
विजय शाह एक वीडियो में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा (objectionable remarks) का इस्तेमाल करते नज़र आए थे। हाई कोर्ट ने इसे “गंदी गली की भाषा” (language of the gutters) बताते हुए सामाजिक ध्रुवीकरण (social polarization) फैलाने का प्रयास करार दिया था।
शाह ने बाद में माफी मांगते हुए कहा था कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह 10 बार माफी मांगने को तैयार हैं।
अगली सुनवाई 16 मई को होगी।