राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे! आज हो सकता है नाम का ऐलान

अमेठी: उत्तर प्रदेश की से राहुल गांधी चुनावी मैदान में उतरेंगे। अमेठी लोकसभा सीट से 2019 में राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट को लेकर कांग्रेस का सस्पेंस लगातार बना हुआ था। शुक्रवार को अमेठी सीट पर नामांकन भरने का आखिरी दिन है। भारतीय जनता पार्टी ने अमेठी सीट से एक बार फिर स्मृति ईरानी ने नामांकन दाखिल किया है। राहुल गांधी को चुनावी मैदान में मात देने के बाद स्मृति ईरानी का मनोबल बढ़ा हुआ है। वहीं, राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव न लड़ने की बात लगातार कही जा रही थी। कांग्रेस पार्टी की ओर से राहुल गांधी के नाम का अधिकारिक ऐलान शाम तक हो जाएगा। से एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार नहीं दिख रहे थे। दावा किया जा रहा था कि हार के बाद वे अमेठी से नाराज दिख रहे थे। इस कारण उनकी उम्मीदवारी तय नहीं हो पा रही थी। अब उनके मानने के बाद नामांकन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि, दावा यह भी किया जा रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट से उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं। सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि रहे केएल शर्मा को अमेठी से चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा है।हार के बाद से अमेठी से हुए दूरराहुल गांधी ने अमेठी सीट पर जीत की हैट्रिक बनाई थी, लेकिन 2019 में चुनावी हार के बाद वे यहां से दूर हो गए। वहीं, भाजपा सांसद स्मृति ईरानी लगातार इस सीट पर जमी रही हैं। ऐसे में राहुल गांधी को एक बार फिर अमेठी से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। 2019 में भी राहुल गांधी को अमेठी सीट पर कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा। इसी कारण उन्हें पार्टी की ओर से सुरक्षित मानी जा रही केरल की वायनाड से चुनावी मैदान में उतारा गया। राहुल अमेठी से तो हारे, लेकिन वायनाड से जीत दर्ज करने में कामयाब हो गए। अमेठी से हार के बाद से राहुल काफी कम बार अपनी परंपरागत सीट पर पहुंचे। हालांकि, चुनाव की घोषणा के बाद से लगातार इस सीट का गणित साधने की रणनीति तैयार की जा रही है। अब राहुल गांधी के इस सीट से फिर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा के बाद माहौल बदलना तय माना जा रहा है।कांग्रेस की रही है परंपरागत सीटअमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती रही है। इस सीट पर 1980 में संजय गांधी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1984 में राजीव गांधी यहां से चुनावी मैदान में उतरे। 1991 तक वे यहां से सांसद रहे। 1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी सीट से चुनावी मैदान में उतर कर जीत दर्ज की। 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राहुल गांधी ने जीत दर्ज की। हालांकि, 2019 में उन्हें हार कार सामना करना पड़ा। उम्मीदवारी तय होने के बाद शुक्रवार को राहुल इस सीट से नामांकन दाखिल कर सकते हैं।चुनावी मैदान में त्रिकोणीय मुकाबले के आसारअमेठी लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी चुनावी मैदान में हो सकते हैं। उन्हें निवर्तमान सांसद स्मृति ईरानी से कड़ी टक्कर मिल सकती है। वहीं, बसपा ने इस सीट से नन्हें सिंह चौहान को चुनावी मैदान में उतारा है। स्मृति ईरानी तीसरी बार इस सीट से उम्मीदवार हैं। वहीं, राहुल गांधी पांचवीं बार अपनी उम्मीदवारी पेश करते दिखेंगे। इससे अमेठी का चुनावी मुकाबला जोरदार होने की उम्मीद है।