नौकरी छोड़ पिज्जा बिजनस में हाथ आजमाया और बिना फंडिंग के खड़ी कर दी 1,000 करोड़ की कंपनी

नई दिल्ली: हाल के वर्षों में पूरे देश में इटालियन फूड पिज्जा की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही देश में कई देसी-विदेशी कंपनियां इसके बाजार में आई हैं। इसमें La Pinoz पिज्जा भी शामिल है। यह देश में तीसरी सबसे बड़ी पिज्जा कंपनी है। इसका टर्नओवर करीब 1,000 करोड़ रुपये का है। इसकी शुरुआत की थी सनम कपूर ने। वह एक जानी मानी आईटी कंपनी में नौकरी कर रहे थे। सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन वह हमेशा अपना बिजनस शुरू करने का सपना देखते थे। खासकर फूड बिजनस में उनकी काफी दिलचस्पी थी। आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़कर साल 2011 में चंडीगढ़ में अपना पहला स्टोर खोला। आज उनके पास पूरे देश में 600 से अधिक फ्रेंचाइजी हैं। एक नजर सनम कपूर की सक्सेस स्टोरी पर…सनम कपूर ने साल 2011 में चंडीगढ़ में 120 वर्ग फुट की छोटी सी जगह लेकर अपना पहला पिज्जारिया खोला और उसका नाम रखा Pinochhio Pizza। यह वह दौर था जब हर जगह पिज्जा नहीं मिलता था। बाजार में डोमिनोज और पिज्जा हट जैसी इंटरनेशनल चेन मौजूद थी। तब भारत के पिज्जा बाजार में डोमिनोज की 54% हिस्सेदारी थी। देश का 80 से 90 फीसदी बाजार तीन कंपनियों डोमिनोज, पापा जोंस और पिज्जा हट के पास था। ऐसी स्थिति में सनम कपूर ने बिना किसी फंडिंग के बाजार में धीरे-धीरे अपनी पकड़ बनानी शुरू की। खुद के पैसे से ही उन्होंने बिजनस को आगे बढ़ाया। उन्होंने पूरा पिज्जा के बजाय स्लाइस बेचना शुरू किया। यही बात उन्हें दूसरी कंपनियों से अलग बनाती थी। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर La Pinoz Pizza कर दिया। इतालवी में इसका मतलब होता है बड़ा पिज्जा। कैसे किया बाजार पर कब्जाकंपनी का पिज्जा दूसरी कंपनियों के मुकाबले सस्ता था और स्वाद में किसी से कम नहीं था। इतना ही नहीं उन्होंने पिज्जा में भारतीय फ्लेवर डालना शुरू किया। इनमें पनीर मखनी पिज्जा, पनीर मखनी पिज्जा, पनीर बटर मसाला पिज्जा और मखनी दो-प्याजा पिज्जा शामिल हैं। यानी कंपनी ने बड़े पीस के साथ देसी तड़के का इस्तेमाल किया। फिर कंपनी लार्ज और एक्सट्रा लार्ज पिज्जा भी देने लगी। इससे धीरे-धीरे कंपनी अपनी अलग पहचान बनाने लगी। प्रॉफिट बढ़ने लगा तो कंपनी ने मोहाली में अपनी दूसरी ब्रांच खोली। इसके बाद उन्होंने फ्रेंचाइजी के दम पर पूरे देश में अपना विस्तार किया। कंपनी ने साथ ही जैन पिज्जा भी शुरू किया, जिसमें प्याज, लहसुन और मशरूम का इस्तेमाल नहीं किया। इससे बच्चों और युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों का भी पिज्जा के प्रति आकर्षण बढ़ा।कंपनी ने 2013 में अपनी पहले फ्रेंचाइजी दी थी। 2015 में यह संख्या 50 पहुंच गई। 2017 में यह संख्या 100 और 2019 में 200 पहुंच गई। इसी तरह 2021 में कंपनी की 300 फ्रेंचाइजी थी जो 2023 में 600 पहुंच गई। इसके साथ ही कंपनी का टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। कंपनी शुरुआत में आठ फीसदी रॉयल्टी लेती थी लेकिन क्वालिटी बनाए रखने के लिए उसने रॉयल्टी चार फीसदी कर दी। मगर कंपनी ने साथ ही फ्रेंचाइजी के सामने यह शर्त रखी कि उन्हें कच्चा माल कंपनी से खरीदना पड़ेगा। कंपनी के कुल रेवेन्यू में 83 फीसदी हिस्सा कच्चे माल की बिक्री से आता है। रॉयल्टी से कंपनी को मात्र 15 फीसदी रेवेन्यू आता है। अब कंपनी विदेशों में भी बिजनस फैलाने की तैयारी में है।