केजरीवाल को जेल या कुछ और… दिल्ली में बीजेपी के जीत के पीछे कॉन्फिडेंस की वजह क्या है?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया, उसे लेकर सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा है। कोई कह रहा कि इस एक्शन का सीधा असर चुनाव नतीजों पर दिख सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम आदमी पार्टी का दिल्ली में अच्छा वोट शेयर रहा है। जिस तरह से ईडी ने केजरीवाल को अरेस्ट किया ऐसे में उनकी पार्टी को इस चुनाव में सहानुभूति वोट मिल सकता है। यही नहीं इस चुनावी समर में AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन भी किया है। ऐसे में कांग्रेस भी लगातार केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमलावर है। हालांकि, बीजेपी के रणनीतिकार जैसे इन बातों को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रहे। वो लगातार केजरीवाल पर हुए ईडी के एक्शन को सही बता रहे हैं। यही नहीं उन्हें पूरा कॉन्फिडेंस है कि लोकसभा के रण में दिल्ली की जनता उन्हें ही सपोर्ट करेगी। आखिर बीजेपी के इस कॉन्फिडेंस की वजह क्या है समझिए।दिल्ली में 25 मई को वोटिंग, कौन मारेगा मैदानइस बार का लोकसभा चुनाव 7 चरणों में संपन्न होगा। 19 अप्रैल को पहले फेज की वोटिंग होगी और 1 जून को आखिरी चरण का मतदान होगा। दिल्ली की बात करें तो यहां छठवें फेज यानी 25 मई को वोटिंग होगी। बीजेपी आलाकमान को उम्मीद है कि भले ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में उतर रही हों, दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा होगा। पार्टी के इस कॉन्फिडेंस की वजह पिछले दो लोकसभा चुनावों में पार्टी का वोट शेयर है। आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के अंदर 46.4 फीसदी वोट मिले थे। वहीं 2019 के चुनाव में पार्टी का वोट पर्सेंट 56.5 फीसदी पहुंच गया था। पिछले दो आम चुनावों में बीजेपी का जलवादिल्ली में अगर पिछले पांच चुनावों के दौरान वोटिंग पर्सेंट पर नजर डालें तो भगवा ब्रिगेड को मिला-जुला सपोर्ट मिला। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट पर्सेंट 33.1 फीसदी था, वहीं आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 29.5 फीसदी रहा। इसके अगले साल यानी 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 46.4 फीसदी वोट पर्सेंट आए थे। आम आदमी पार्टी का वोट पर्सेंट 33 फीसदी रहा। हालांकि, इसके बाद 2015 विधानसभा चुनाव में फिर आम आदमी पार्टी का वोट शेयर तेजी से बढ़ा था। उस चुनाव में AAP को 54.3 फीसदी वोट पर्सेंट मिला, वहीं बीजेपी का वोट पर्सेंट 32.2 रहा था।विधानसभा चुनाव में AAP का दिखा कमाल बात करें 2019 लोकसभा चुनाव की तो दिल्ली में बीजेपी को सभी लोकसभा सीटों में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर मिला। पार्टी ने सभी सातों लोकसभा सीटें अपने नाम की। इस चुनाव में बीजेपी का वोट पर्सेंट 56.5 फीसदी रहा। वहीं आम आदमी पार्टी 18.1 फीसदी वोट शेयर ही हासिल कर सकी। वहीं दिल्ली की जनता ने 2020 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सियासी जानकारों को चौंका दिया। 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP 53.6 फीसदी वोट पर्सेंट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इस चुनाव में बीजेपी को 38.4 फीसदी वोट आए। वोटिंग पैटर्न के चलते बीजेपी दिख रही कॉन्फिडेंट!दिल्ली में मतदाताओं के वोटिंग स्टाइल को देखते हुए बीजेपी आलाकमान को लग रहा कि इस लोकसभा चुनाव में जनता फिर राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस करेगी। ऐसे में बीजेपी को इन चुनाव में फायदे की उम्मीद है। भले ही विधानसभा चुनाव में दिल्लीवालो की पहली पसंद आम आदमी पार्टी हो लेकिन राष्ट्रीय स्तर के चुनाव में बीजेपी ही उनकी फेवरेट रही है। बस इसी वजह से बीजेपी नेतृत्व दिल्ली में बदले सियासी घटनाक्रम के बावजूद स्थिति को अपने हक में मानकर चल रही है। चाहे AAP-कांग्रेस गठबंधन उनके सामने हो या फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा हो। पार्टी को भरोसा है कि देश की राजधानी में लोग पीएम मोदी पर भी अपना भरोसा जताएंगे। यही बीजेपी नेतृत्व के कॉन्फिडेंस की वजह भी है।