स्‍टेट कैबिनेट की अगली बैठक में तबादला नीति पर फैसला, 1 मई से होंगे ट्रांसफर

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार (22 अप्रैल) हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास एवं जनकल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कई संशोधन किए गए हैं। इसके तहत अब ये प्रावधान किए गए हैं:

  • आर्थिक सहायता: प्रति कन्या ₹55,000 में से ₹49,000 सीधे वधू के खाते में डीबीटी के माध्यम से और शेष ₹6,000 सामूहिक आयोजन हेतु निकाय को दिए जाएंगे।
  • पात्रता: आवेदक का बीपीएल पोर्टल पर सत्यापन तथा वर-वधू की आधार आधारित ई-केवाईवाईसी अनिवार्य।
  • संख्या सीमा: प्रति सामूहिक आयोजन में 11 से 200 जोड़े शामिल होंगे।
  • समयसीमा: संभागवार वार्षिक कैलेंडर जारी कर समयबद्ध आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।

टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों का विकास

वर्ष 2025-26 से 2027-28 के लिए ₹145 करोड़ की नई योजना को मंजूरी मिली है। इसके तहत बफर क्षेत्रों में चेनलिंक फेसिंग, चारागाह विकास, वन्यजीव स्वास्थ्य जाँच और अग्नि सुरक्षा जैसे उपाय शामिल हैं। वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। चारागाहों एवं जल स्त्रोतों का विकास किया जाएगा। वन्य प्राणियों का उपचार और स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। नागरिकों के कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मध्यप्रदेश से 9 टाइगर रिजर्व से लगे बफर क्षेत्रों में विगत 4 वर्षों में टाइगर की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है।

इंदौर में मेगा आईटी कॉन्क्लेव

27 अप्रैल को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 500+ टेक कंपनियों की भागीदारी से आयोजित यह कॉन्क्लेव, राज्य को डिजिटल इंडिया से जोड़ने और आईटी निवेश को गति देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने सभी निर्णयों को समयबद्ध तरीके से लागू करने पर ज़ोर दिया, ताकि जनता को त्वरित और प्रभावी लाभ मिल सके।

ट्रांसफर पॉलिसी के बारे में यह कहा सीएम ने

कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि शासकीय कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण नीति 2025 का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इसके तहत 1 मई से 31 मई 2025 तक सभी ट्रांसफर प्रक्रियाएँ पारदर्शिता और विभागीय नियमों के अनुरूप पूरी की जाएंगी।

जल संकट के समाधान हेतु ठोस पहल

प्रदेश में बढ़ते जल संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों को संबंधित जिलों का दौरा कर ज़मीनी आकलन करने के निर्देश दिए। साथ ही, जल संचयन बढ़ाने के लिए स्टॉप डैम और अन्य संरचनात्मक उपायों को स्वीकृति प्रदान की गई।

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