सीएसए को मिला नवीन उपकरण व उसकी विधि शोध विषय का पेटेंट प्रमाण पत्र

कानपुर,17 मार्च . कमल के तने से फाइबर निष्कर्षण के लिए एक नवीन उपकरण और उसकी विधि के शोध विषय पर चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय के वस्त्र एवं परिधान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर doctor रितु पांडेय को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट प्रमाण जारी किया. यह जानकारी Sunday को विश्वविद्यालय के Media प्रभारी खलील खान ने दी.
उन्होंने बताया कि सीएसए के गृह विज्ञान महाविद्यालय के वस्त्र एवं परिधान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर doctor रितु पांडेय को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा उनके शोध को पेटेंट प्रमाण पत्र मिला है.
doctor पांडेय ने कमल के तने से फाइबर निष्कर्षण हेतु एक नवीन उपकरण और उसकी विधि विषयक पर नवीन शोध किया है. उन्होंने बताया कि कमल के सम्पूर्ण भाग की उपयोगिता सर्वविदित है! इसके केसर, बीज,पंखुड़ी, पत्ती, जड़ तथा डंठल उपयोगी है. किसान अब कमल की खेती करके इसके तने से रेशे निकालकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि कमल से रेशे निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया हाथों द्वारा ही सम्पन्न की जाती है. इसमें कमल के तने को छोटे छोटे भागों में तोड़ा जाता है तथा टूटे हुए तने को मरोड़कर रेशा निकाला जाता है.परंतु एक नए यंत्र द्वारा कमल के रेशे निकालने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है.
doctor रितु पांडे द्वारा कमल रेशे निकालने के लिए नये यंत्र का निर्माण किया गया है. उन्होंने बताया कि नए यंत्र द्वारा एक बार में एक दर्जन रेशे निकाले जा सकते हैं तथा इस प्रक्रिया में हाथों में कमल के काटे भी नहीं लगते. रेशे को लौटस सिल्क भी कहते हैं कमल रेशो का उपयोग वस्त्र बनाने में होता है तथा इन वस्त्रों की कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच अधिक है. धागा निकालने तथा कपड़ा बनाने की प्रक्रिया केमिकल से रहित है. इसलिए इसका प्रयोग खाद्य पदार्थों की पैकिंग में भी किया जा सकता है. वर्तमान में कमल रेशे निकालने का कार्य भारत, बर्मा, म्यांमार, तथा कंबोडिया में होता है. लोटस सिल्क वस्त्रों की डिमांड यूरोपीय देशों में ज्यादा है.
विश्वविद्यालय के Media प्रभारी doctor खलील खान ने बताया कि कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह तथा डीन कम्युनिटी साइंस doctor मुक्ता गर्ग ने इस अवसर पर doctor रितु पांडे की सराहना की एवं उन्हें शुभकामनाएं दी.
/राम बहादुर/बृजनंदन