बिहार : बीजेपी ने ‘M’ से बनाई दूरी ‘Y’ पर मेहरबान, लालू के वोट बैंक में सेंधमारी का प्लान तैयार!

पटना: के लिए बिहार एनडीए की पार्टी बीजेपी ने अपने सभी 17 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। बीजेपी ने जहां नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के साथ गठबंधन के जरिए सियासी समीकरण को साधा, वहीं लोकसभा उम्मीदवारों के लिए पूरा फोकस सवर्ण जातियों संग Y यानी यादव पर लगा दिया। बीजेपी ने M यानी मुस्लिम और महिला को कोई तवज्जो नहीं दी। बिहार में बीजेपी ने Y यानी यादव पर दांव लगाकर लालू यादव के वोटबैंक में सेंधमारी के लिए बड़ा सियासी दांव चला है। बीजेपी ने सवर्ण के साथ यादव पर दांव लगाने की प्लानिंग लोकसभा चुनाव से पहले ही कर ली थी। आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी…बीजेपी क्यों खेल सकी सवर्णों पर सबसे बड़ा दांव?लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में बीजेपी के साथ केवल लोजपा के दोनों गुट थे। बाद में जीनत राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा जुड़े तो बीजेपी को बिहार में चिराग-मांझी के सहारे दलित समाज के वोट को एनडीए से जुड़ने की उम्मीद बढ़ गई। वहीं जब आखिर में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार ही लालू का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आए तो आगे की रणनीति भी क्लियर हो गई। नीतीश के एनडीए में आने से बीजेपी के लिए ओबीसी वोट साधना आसान हो गया। बिहार में नीतीश कुमार और कुशवाहा ओबीसी समाज के बड़े चेहरे माने जाते हैं। बीजेपी के लिए अब केवल सवर्ण और यादव समाज के लिए रणनीति बनानी थी। इसी के चलते बीजेपी ने लोकसभा प्रत्याशियों में खास तौर पर सवर्ण पर दांव खेला। बीजेपी ने राजपूत से लेकर भूमिहार, ब्राह्मण और कायस्थ समाज से आने वाले लोगों को सबसे ज्यादा टिकट दिया। बीजेपी ने अपने कोटे की 17 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची रविवार को जारी की थी। इसमें 17 में से 11 टिकट (64 फीसदी) सवर्ण जातियों को दिए हैं, जबकि बाकी 6 टिकट (36 फीसदी) दलित और ओबीसी को दिए हैं। बीजेपी ने सवर्ण जातियों में सबसे ज्यादा अहमियत राजपूत समुदाय के लोगों दी है। इसके बाद भूमिहार, ब्राह्मण और कायस्थ को दी। बीजेपी ने महिला और मुस्लिम से बनाई दूरी!हालांकि बीजेपी ने बिहार में M यानी महिला और मुस्लिस से दूरी बना ली। बीजेपी ने किसी महिला या मुस्लिम को लोकसभा प्रत्याशी नहीं बनाया। पहले कहा जा रहा था कि शाहनवाज हुसैन को बीजेपी सीमांचल से लोकसभा का टिकट दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी ने बिहार में प्रत्याशियों के चयन में महिला और मुस्लिम दोनों से दूरी बनाई है, लेकिन लालू यादव के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए Y यानि यादवों को खास तवज्जो दी है।बिहार की तीन सीटों पर बीजेपी ने उतारे यादव प्रत्याशीबिहार में बीजेपी ने लालू यादव के MY समीकरण के Y पर अपना दांव लगाया है। बीजेपी ने बिहार में यादव समुदाय से आने वाले तीन नेताओं को लोकसभा का टिकट दिया है। ये यादव प्रत्याशी हैं, नित्यानंद राय, रामकृपाल यादव और अशोक यादव। बीजेपी ने उजियारपुर से नित्यानंद राय, पाटिलपुत्र से रामकृपाल यादव और मधुबनी से अशोक यादव को फिर से प्रत्याशी बनाया है। 2019 में भी बीजेपी के टिकट पर तीनों सांसद चुने गए थे। इनके जरिए बीजेपी का प्लान लालू यादव के वोटबैंक यादव समुदाय में सेंधमारी का है। बता दें, बिहार में 16 फीसदी यादव वोटर हैं। अगर ये वोट एकजुट होकर किसी एक ही पार्टी को जाएं तो किसी भी की खेल बिगाड़ सकते हैं।