भोपाल: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्य प्रदेश पुलिस ने राज्य के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए विवादित बयान की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया है। इस टीम में आईजी प्रमोद वर्मा, डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और एसपी वाहिनी सिंह शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख
- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मंत्री विजय शाह को उनकी “अभद्र भाषा” (Objectionable Language) के लिए खरी-खोटी सुनाई।
- कोर्ट ने MP DGP को 24 घंटे के भीतर एक उच्चस्तरीय SIT बनाने का आदेश दिया, जिसमें एक महिला अधिकारी का होना अनिवार्य किया।
- SIT को 28 मई तक अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) पेश करने को कहा गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
- विवाद तब शुरू हुआ जब एक वायरल वीडियो में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी (Derogatory Remark) करते हुए देखा गया।
- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इसे “गटर की भाषा” (Gutter Language) बताते हुए मंत्री को फटकार लगाई और घृणा फैलाने (Promoting Enmity) के आरोप में FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
- मंत्री ने बाद में माफी मांगी और कहा कि वह कर्नल कुरैशी को “अपनी बहन से भी अधिक सम्मान” देते हैं।
SIT की जिम्मेदारियाँ
- हाईकोर्ट के आदेशानुसार दर्ज FIR की जांच करना।
- विवादित वीडियो और संबंधित सबूतों का फोरेंसिक विश्लेषण (Forensic Analysis) करना।
- 28 मई तक सुप्रीम कोर्ट को अपनी प्रगति रिपोर्ट सौंपना।
आगे की कार्रवाई
- SIT मंत्री के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग, सोशल मीडिया प्रतिक्रियाओं और कानूनी पहलुओं की जांच करेगी।
- मामले में IPC की धारा 153A (साम्प्रदायिक तनाव फैलाना) और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी ?
कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया को ब्रीफिंग देकर राष्ट्रीय सुर्खियाँ बटोरी थीं। उनकी पेशेवर छवि और सेना में योगदान को लेकर उन्हें व्यापक सम्मान प्राप्त है।