भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज राज्य कर्मचारी संघ के अभिनंदन समारोह में एक बड़ी घोषणा करते हुए प्रति श्रमिक (Per Labourer) 5,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता (Financial Assistance) का ऐलान किया। यह योजना रोजगार सृजन (Employment Generation) और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
योजना के प्रमुख बिंदु (Key Highlights)
- लक्ष्य: राज्य में स्वरोजगार (Self-Employment) और एमएसएमई (MSME) क्षेत्र को मजबूत करना
- सहायता राशि: नए उद्योग स्थापित करने वालों को प्रति कर्मचारी 5,000 रुपये तक की सब्सिडी
- पात्रता: केवल उन उद्यमियों (Entrepreneurs) के लिए जो राज्य में नए रोजगार सृजित करेंगे
- अतिरिक्त लाभ: बिजली बिल, रजिस्ट्रेशन फीस और विभिन्न करों (Taxes) में छूट
सीएम यादव का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार का फोकस आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (Self-Reliant MP) बनाना है। राज्य की 9 करोड़ आबादी में से केवल 10 लाख लोग सरकारी नौकरियों में हैं। बाकी लोगों को स्टार्टअप (Startups) और छोटे उद्योगों के जरिए आगे बढ़ना होगा।”
उन्होंने विशेष रूप से डेयरी सेक्टर (Dairy Sector) पर जोर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश दूध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है, लेकिन अब लक्ष्य 9% वार्षिक वृद्धि (Annual Growth) का है।
क्या हैं शर्तें? (Conditions Apply)
- उद्योगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाना होगा।
- केवल पंजीकृत (Registered) इकाइयाँ ही लाभ ले सकेंगी।
- सरकार द्वारा निर्धारित मानदंड (Eligibility Criteria) पूरे करने होंगे।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
- राज्य में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) को कम करने में मदद
- मेक इन एमपी (Make in MP) को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम
- स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन