खालिस्तानी संगठन से 130 करोड़ की फंडिंग! NIA जांच की सिफारिश से बढ़ेगी AAP की मुश्किल?

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री के खिलाफ एनआईए जांच शुरू करने की सिफारिश की है। एलजी को मिली शिकायत में आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंड लिए। एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 को वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ऑफ इंडिया नाम की संस्था के राष्ट्रीय महासचिव आशु मोंगिया ने एलजी को लिखित शिकायत दी। उन्होंने आम आदमी पार्टी को मिले फंड्स और उनके स्रोत की गहन जांच कराने की मांग की थी।AAP को 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिलने का आरोपमामले की संवेदनशीलता और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एलजी की मंजूरी से उनके प्रधान सचिव ने 3 मई को केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा। इसमें उन्हें यह कंप्लेंट फारवर्ड की गई और बताया कि एलजी ने इस मामले में एनआईए से जांच कराने की सिफारिश की है। एलजी को मिली शिकायत में दावा किया गया था कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को चरमपंथी अलगाववादी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 130 करोड़ रुपये) की भारी धनराशि मिली थी। एलजी ने अपनी सिफारिश में कहा कि चूंकि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से मिली राजनीतिक फंडिंग से संबंधित है, ऐसे में शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच समेत अन्य स्तरों पर भी गहन जांच की जरूरत है।एलजी ने इसलिए की NIA जांच की सिफारिशएलजी ने जनवरी 2014 में केजरीवाल की ओर से एक्टिविस्ट इकबाल सिंह को लिखे गए पत्र का भी हवाला दिया है। इसमें केजरीवाल ने उनके जरिए उठाए गए सिखों से जुड़े मुद्दों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा था कि उनकी सरकार पहले ही राष्ट्रपति से भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है। एसआईटी के गठन सहित अन्य मुद्दों पर भी समयबद्ध तरीके से काम करेगी। भुल्लर की रिहाई के लिए लिखित आश्वासन की मांग को लेकर इकबाल सिंह जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे थे। अरविंद केजरीवाल का पत्र मिलने के बाद उन्होंने अनशन खत्म किया था। शिकायतकर्ता ने अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक वीडियो का संदर्भ देते हुए यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी को 2014 से 2022 के बीच अलगाववादी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले। शिकायतकर्ता ने आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता डॉ. मुनीश रायजादा की कुछ सोशल मीडिया पोस्ट भी साझा की थीं।आरोपों को आप ने बताया बीजेपी की साजिशआम आदमी पार्टी की फंडिंग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों को उनकी पार्टी ने बीजेपी की साजिश करार दिया। इसे पुराने घिस-पिटे आरोप बताते हुए पार्टी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बयान में कहा कि हर चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल पर इसी तरह के घिसे-पिटे आरोप लगाना बीजेपी का राजनीतिक षड्यंत्र है। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि बीजेपी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी यही आरोप लगाए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने उस पर जांच भी कराई थी, लेकिन कुछ नहीं निकला था। अब एक बार फिर वही आरोप लगाए हैं।सौरभ भारद्वाज का केंद्र पर निशानासौरभ का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई जिस संगठन के अध्यक्ष हैं, उसके महासचिव और बीजेपी के ही नेता आशु मोंगिया ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर ये पुराने और घिसे-पिटे आरोप लगाए हैं। इससे साफ हो गया है कि बीजेपी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें हार रही है और इसलिए पूरी तरह बौखलाई हुई है। अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, मुफ्त बिजली-पानी देने वाले अरविंद केजरीवाल को अपमानित करने वाली बीजेपी को दिल्ली की जनता अपने वोट से जवाब देगी।केजरीवाल को छवि खराब करने की कोशिश- सौरभ भारद्वाजसौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि एलजी साहब चुनाव के बीच सुर्खियां बटोरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यह एलजी के संवैधानिक पद का पूरी तरह दुरुपयोग है। इसी मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली जनहित याचिका दो साल पहले हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने जगदीश शर्मा की ओर से दायर याचिका को ‘पूरी तरह तुच्छ’ बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने एलजी पर बीजेपी के एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के इशारे पर एलजी साहब लगातार सीएम अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होने वाला है। इससे ठीक पहले एलजी ने एक बार फिर जनता के बीच अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने के लिए बड़ी साजिश रची है।’बीजेपी के इशारे पर एलजी ने की NIA जांच की सिफारिश’बीजेपी के इशारे पर एलजी की ओर से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश करने का षडयंत्र रचा गया है। एलजी के जरिए बीजेपी यह सब इसलिए करा रही है, क्योंकि उसे लोकसभा चुनाव में अपनी करारी हार साफ दिख रही है। एलजी बीजेपी के इस षड्यंत्र का मोहरा हैं। सौरभ ने कहा कि बीजेपी जब भी चुनाव में अपनी हार होते देखती है, तो इसी तरह के अनर्गल आरोप लगाती है, ताकि जनता को बरगला सके। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इन आरोपों की जांच में पहले भी कुछ नहीं निकला था और इस बार भी जांच में कुछ नहीं निकलेगा। जनता इस बहकावे में नहीं आने वाली है।एलजी ने जांच के आदेश देकर की सही पहल: सचदेवासीएम अरविंद केजरीवाल के सिख फॉर जस्टिस से पैसे के लेनदेन के आरोपों पर एलजी ने जांच के आदेश दिए जाने पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने जांच का स्वागत किया है। उनका कहना है कि खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट (केएलएफ) को केजरीवाल का मौन समर्थन प्राप्त था। उन्होंने आरोप लगाया कि 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल केएलएफ नेता गुरविंदर सिंह के आवास पर भी रुके थे। सचदेवा ने आरोप लगाया कि अलगाववादी कार्यक्रमों के लिए सीएम केजरीवाल नरम रुख रखते हैं।वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केएलएफ के प्रति केजरीवाल की नरमी को ध्यान में रखते हुए, सिख फॉर जस्टिस से वित्तीय सहायता स्वीकार करने बात को इनकार नहीं किया जा सकता। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यासीन मलिक जैसे लोगों को समर्थन के लिए भी केजरीवाल को जाना जाता है। सचदेवा ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। एलजी ने जांच के आदेश देकर सही पहल की है।