रायपुर: वेदांता एल्युमीनियम ने एल्युमीनियम उत्पादन प्रक्रिया से निकलने वाले अपशिष्ट से 99% शुद्धता वाला ग्रेफाइट (graphite) प्राप्त करने की एक क्रांतिकारी तकनीक विकसित की है। कंपनी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 के अवसर पर घोषणा की कि उसे अपनी ब्रेकथ्रू टेक्नोलॉजी के लिए पेटेंट मिल गया है।
यह नवाचार सर्कुलर इकोनॉमी (circular economy) और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के लक्ष्यों को साधते हुए देश की क्रिटिकल मिनरल्स (critical minerals) आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा।
वेदांता की उपलब्धि के मुख बिंदु:
- CSIR-IMMT, भुवनेश्वर के सहयोग से विकसित यह तकनीक स्पेंट पॉट लाइनिंग (SPL) और शॉट ब्लास्ट डस्ट जैसे अपशिष्ट से बैटरी-ग्रेड ग्रेफाइट (battery-grade graphite) रिकवर करती है।
- भारत वर्तमान में 70% से अधिक ग्रेफाइट आयात करता है। यह तकनीक इस निर्भरता को कम करने में सक्षम है।
- रिकवर्ड ग्रेफाइट में उत्कृष्ट विद्युत चालकता (high electrical conductivity) और लिथियम-आयन बैटरी (lithium-ion battery) के लिए आवश्यक संरचनात्मक गुण पाए गए हैं।
वेदांता एल्युमीनियम के CEO, राजीव कुमार ने कहा, “यह नवाचार इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), एनर्जी स्टोरेज और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करता है, जो नेट-ज़ीरो (net-zero) लक्ष्यों के अनुरूप है।”
यह खोज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 (National Technology Day 2025) की थीम ‘यंत्र- नव प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं त्वरण को आगे बढ़ाने के लिए युगांतर’ को प्रतिबिंबित करती है, जो औद्योगिक अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधनों में बदलने पर केंद्रित है।