भोपाल, 2 जून – मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त हो रहे न्यायाधीश जस्टिस डीवी रमण ने अपने विदाई भाषण में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि 2023 में उनका आंध्र प्रदेश से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट तबादला “परेशान करने के इरादे” से किया गया था।
समाचार के प्रमुख बिंदु:
- जस्टिस रमना ने दावा किया कि उनका तबादला बिना किसी वाजिब कारण के किया गया
- उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में तबादले की मांग की थी ताकि वे अपनी बीमार पत्नी की देखभाल कर सकें
- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनकी अपील पर विचार तक नहीं किया
- जस्टिस रमना ने कहा, “जिन लोगों ने यह किया, उन्हें भी भुगतना होगा”
क्या है पूरा मामला?
जस्टिस रमना का कहना है कि उन्हें जानबूझकर मध्य प्रदेश भेजा गया, जबकि वे कर्नाटक हाईकोर्ट जाना चाहते थे। उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में अपील की, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
उन्होंने कहा, “मैंने कर्नाटक जाने की मांग की थी क्योंकि मेरी पत्नी बीमार हैं और वहां उनका इलाज चल रहा है। लेकिन मुझे मध्य प्रदेश भेज दिया गया।”
“अब बहुत देर हो चुकी”
जस्टिस रमण ने कहा कि CJI बीआर गवई इस मामले पर विचार कर सकते हैं, लेकिन अब उनका रिटायरमेंट (2 जून) होने वाला है, इसलिए अब कुछ नहीं हो सकता।
उन्होंने कड़वाहट भरे शब्दों में कहा, “जिन लोगों ने यह किया, उन्हें भी इसका परिणाम भुगतना होगा।”