पुलिस अकेले नहीं रोक सकती बलात्कार की घटनाएं, सबकी जिम्मेदारी : डीजीपी मकवाना
नैतिक मूल्यों में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है, यहाँ तक कि घरों के भीतर भी, उन्होंने कहा कि वे दिन अब लद गए, जब बच्चे अपने माता-पिता और शिक्षकों की बात सुनते थे। हम देख रहे हैं कि घरों के अंदर भी लोग एक-दूसरे पर नज़र नहीं रख रहे हैं। पहले बच्चे अपने शिक्षकों और माता-पिता की बात मानते थे। शर्म या सम्मान की भावना होती थी, लेकिन अब उनमें से कई सीमाएँ गायब हो गई हैं।