मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने करीब 25 वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर अपनी जमीनी पहचान को जीवित करते हुए सोमवार को विदिशा जिले के बुधनी में Viksit Bharat Sankalp Padyatra की शुरुआत की है। यह पदयात्रा उनके गृह क्षेत्र Budhni Assembly में Vidisha District के लाड़कुई और भादाकुई गांवों से शुरू हुई।
“कह दो जाकर गांव-गांव…भैया चले पांव-पांव”
इस पदयात्रा का आगाज़ करते हुए उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“कह दो जाकर गांव गांव…भैया चले पांव पांव।”
शिवराज के साथ इस अभियान में उनकी पत्नी Sadhna Singh, पुत्र Kartikeya Singh Chouhan, और बहू Amanat Singh भी शामिल रहीं। ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और कुछ लोगों ने उन्हें कंधों पर बैठाकर अपनापन जताया। यह नज़ारा उस जननेता की वापसी का प्रतीक था, जिसे जनता ‘पांव-पांव वाले भैया’ के नाम से जानती है।
किसानों से संवाद और गांवों के विकास की बात
पदयात्रा की शुरुआत में ही शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से सीधा संवाद किया और ग्रामीण विकास की दिशा में सामूहिक प्रयास की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा:
“यह नया भारत है। हम किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़े तो हम छोड़ते नहीं। ताकतवर वही होता है जो शांति की बात कर सकता है। हमारा लक्ष्य है [Viksit Bharat]। जब लाड़ली विकसित होगी, तभी भारत भी विकसित होगा। गांव-गांव को विकसित करना सिर्फ पीएम या सीएम की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है।”
गांवों में सुविधाएं और जागरूकता का संदेश
शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा:
“गांव में पानी हो, स्कूल हो, आंगनबाड़ी हो, इलाज की सुविधा हो और सफाई बनी रहे — यही असली विकास है। हम सबको मिलकर अपने गांव को संवारना है। लाड़कुई गांव को स्वच्छ और उन्नत बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें।”