पुंछ दौरे पर राहुल गांधी ने गुरुद्वारे में टेका माथा, जहां पाक गोलाबारी में मारे गए थे निर्दोष लोग

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुंछ जिले (Poonch District) में शनिवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाल ही में पाकिस्तानी गोलाबारी (Pakistan Shelling) से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान वे एलओसी (LoC) के निकट स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा (Gurdwara Sri Guru Singh Sabha) पहुंचे, जहां उन्होंने श्रद्धा से माथा टेका।

यह वही गुरुद्वारा है जो हाल ही में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी की चपेट में आ गया था। इस हमले में रागी सिंह भाई अमरीक सिंह, अमरजीत सिंह, रंजीत सिंह और रूबी कौर की मौत हो गई थी। इस अवसर पर न्यूज एजेंसी ANI ने राहुल गांधी के दौरे का वीडियो भी जारी किया जिसमें वे श्रद्धालु भाव से गुरुद्वारा में मत्था टेकते नजर आ रहे हैं। (Rahul Gandhi at Gurdwara)

गुरुद्वारे पर हमले की चौतरफा निंदा

पुंछ का यह गुरुद्वारा सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक केंद्र है। हमले में इसकी संरचना को आंशिक क्षति पहुंची – एक दरवाजा और कुछ खिड़कियों के शीशे टूटे, लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधक नरिंदर सिंह ने “भारी नुकसान” की अफवाहों को खारिज कर दिया।

इस नृशंस हमले की शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने तीव्र निंदा की और कहा, “सिख समुदाय देश की रक्षा में सदैव चट्टान की तरह खड़ा रहा है। यह अमानवीय कृत्य अस्वीकार्य है।”

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (Delhi Sikh Gurdwara Management Committee) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने भी इस हमले को “कायराना हरकत” बताया और कहा कि इससे सिखों की भावना को नहीं तोड़ा जा सकता।

दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और अकाल तख्त (Akal Takht) के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत और पाकिस्तान से शांति एवं कूटनीति के रास्ते समाधान की अपील की।

पीड़ित परिवारों से मिले राहुल गांधी, उठाएंगे मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर

राहुल गांधी ने पुंछ में उन पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की जिनके परिजन 7 मई से 10 मई 2025 के बीच की गई पाकिस्तानी फायरिंग में मारे गए थे। उन्होंने कहा:

“यह एक गंभीर मानवीय त्रासदी है। आम नागरिकों को निशाना बनाया गया है। मैंने पीड़ितों से उनकी समस्याएं सुनीं और वे चाहते हैं कि यह मुद्दा राष्ट्रीय मंच पर उठाया जाए, जिसे मैं जरूर करूंगा।”

राहुल गांधी ने प्रभावित लोगों से लगभग एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की और उनके दुख-दर्द को साझा किया।

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