भोपाल (dailyhindinews.com): मध्य प्रदेश सरकार ने नरवाई जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब और भी कड़े कदम उठाए हैं। अब ऐसा करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (CM Kisan Kalyan Yojana) का लाभ नहीं मिलेगा और न ही उनकी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाएगी। यह प्रावधान 1 मई से लागू हो जाएगा।
पराली जलाने पर सख्त नीति (Stubble Burning Policy)
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य (Agrarian State) है, और नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण (Air Pollution) के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता (Soil Fertility) को भी नुकसान पहुँचता है। उन्होंने कहा, “खेत में आग लगाने से जमीन के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उत्पादकता घटती है। इसलिए, ऐसा करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा।”
क्या होगा किसानों पर प्रभाव? (MSP Purchase Ban)
- नरवाई जलाने वाले किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता बंद कर दी जाएगी।
- ऐसे किसानों की फसल सरकारी खरीद केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं खरीदी जाएगी।
- सरकार का लक्ष्य प्रदूषण कम करना (Pollution Control) और मिट्टी की गुणवत्ता (Soil Health) बनाए रखना है।
क्यों लिया गया यह निर्णय? (Stubble Burning Consequences)
राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने पर प्रतिबंध (Stubble Burning Ban) लगा चुकी है, लेकिन अब भी कई जगहों पर किसान फसल अवशेष जला रहे हैं। इससे धुएं की समस्या (Smoke Pollution) और स्वास्थ्य संबंधी खतरे (Health Hazards) बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने दंडात्मक कार्रवाई (Strict Penalty) का फैसला किया है।
किसान के विकल्प? (Alternative to Stubble Burning)
सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे पराली प्रबंधन (Crop Residue Management) के वैकल्पिक तरीके अपनाएँ, जैसे: कम्पोस्ट खाद (Composting) बनाना, पराली को जैविक खाद (Bio-Decomposer) में बदलना, मल्चिंग (Mulching) तकनीक का उपयोग करना, यह निर्णय किसानों के हित (Farmers Welfare) और पर्यावरण संरक्षण (Eco-Friendly Farming) दोनों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
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