प्रदेश BJP में बढ़ता असंतोष: एक के बाद एक सरकार के खिलाफ बोल रहे विधायक

जेपी नड्डा ने दिया कड़ा संदेश : विवादों से दूर रहें और जुबान को लगाम दें तो बेहतर

भोपाल: मध्य प्रदेश भाजपा (MP BJP) अनुशासनहीनता (Indiscipline) के गंभीर संकट से जूझ रही है। पिछले कुछ हफ्तों में कई विधायकों ने खुलेआम अपनी ही सरकार की नीतियों और प्रशासनिक कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा की है। हालात इतने बिगड़े कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा को हस्तक्षेप करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा को फोन कर विद्रोही विधायकों (Rebel MLAs) को कड़ा संदेश देने का निर्देश दिया है।

कौन-कौन हैं असंतुष्‍ट विधायक?

भूपेंद्र सिंह (खुरई): पूर्व गृह मंत्री ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर आरोप लगाए। दावा किया कि उनके खिलाफ “तंत्र-मंत्र” (Black Magic) के जरिए साजिश रची जा रही है।

पन्नालाल शाक्य (गुना): SC समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शाक्य ने प्रशासनिक भेदभाव (Administrative Bias) का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, “मेरी आवाज़ दबाई जा रही है क्योंकि मैं दलित हूँ।”

देवेंद्र जैन (शिवपुरी): एक एसडीएम पर भ्रष्टाचार (Corruption) का आरोप लगाया। सरकार द्वारा एसडीएम को हटाए जाने के बावजूद और कार्रवाई की मांग की।

प्रीतम लोधी (पिछोर) और विजयपाल सिंह (सोहागपुर): लगातार स्थानीय प्रशासन और मंत्रियों पर निशाना साध रहे हैं। पार्टी द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद भी नहीं रुके।

प्रदीप पटेल (मऊगंज): पुलिस धमकियों (Police Intimidation) की शिकायत की।

क्यों बढ़ रहा विधायकों का असंतोष?

विकास कार्यों में असंतुलन: कई विधायकों का आरोप है कि चुनिंदा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। आंतरिक गुटबाजी (Internal Factionalism): कुछ नेता वरिष्ठ नेताओं के समर्थन पर भरोसा करके पार्टी लाइन से हट रहे हैं।

जनता का दबाव: स्थानीय मुद्दों पर सरकार की निष्क्रियता से नाराज़ विधायक जनता के सामने खुद को साबित करने के लिए मजबूर हैं।

भाजपा की चुनौतियाँ

अनुशासन बनाए रखना: पार्टी विद्रोही विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से हिचक रही है, क्योंकि इससे बड़ा विवाद (Major Controversy) पैदा हो सकता है।

विधानसभा चुनाव की तैयारी: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पुनर्जीवित हो रही है, ऐसे में आंतरिक कलह (Internal Strife) भाजपा के लिए घातक साबित हो सकती है।

JP नड्डा का हस्तक्षेप

VD शर्मा को निर्देश: विद्रोही नेताओं को सार्वजनिक आलोचना (Public Criticism) से बचने के लिए कहा गया।
डैमेज कंट्रोल (Damage Control): पार्टी ने कुछ विधायकों से बातचीत शुरू की है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं निकला है।

आगे की रणनीति

विधायकों को शामिल करना: पार्टी राष्ट्रीय नेतृत्व के स्तर पर बैठक कर असंतुष्टों को शांत करने की कोशिश करेगी।
प्रशासनिक सुधार: स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार और भेदभाव के आरोपों की जांच कराई जा सकती है।

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