NASA, Axiom Space और SpaceX मिलकर 10 जून को Axiom Mission 4 लॉन्च करेंगे। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। ISRO और NASA मिलकर माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक अनुसंधानों जैसे मांसपेशी पुनरुत्पत्ति, खाद्य शैवाल और जीवविज्ञान पर शोध करेंगे।
वॉशिंगटन/ह्यूस्टन – नासा (NASA), एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) और स्पेसएक्स (SpaceX) ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) की ओर प्राइवेट एस्ट्रोनॉट मिशन ‘एक्सिओम मिशन-4’ (Axiom Mission 4) को मंगलवार, 10 जून को सुबह 8:22 (ईडीटी) पर लॉन्च करने की योजना बनाई है।
इस वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशन का नेतृत्व पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की निदेशक पेगी व्हिटसन करेंगी। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मिशन के पायलट की भूमिका निभाएंगे।
मिशन में दो अन्य अंतरिक्ष यात्री यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) से पोलैंड के स्लावॉस उज़नांस्की-विस्नेव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल होंगे।
इस लॉन्च की लाइव कवरेज (Live Launch Coverage) नासा+ प्लेटफॉर्म पर सुबह 7:25 (ईडीटी) से शुरू हो जाएगी।
अंतरिक्ष में अनुसंधान को मिलेगी नई गति
नासा और इसरो (ISRO) इस मिशन के तहत कई वैज्ञानिक प्रयोगों पर मिलकर काम कर रहे हैं। इन अनुसंधानों में मांसपेशियों की पुनरुत्पत्ति (Muscle Regeneration), अंकुर और खाने योग्य सूक्ष्म शैवाल (Edible Microalgae) की वृद्धि, सूक्ष्म जलीय जीवों की जीवन क्षमता (Aquatic Organisms Survival) और माइक्रोग्रैविटी में मनुष्यों की इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के साथ बातचीत (Human Interaction with Electronic Displays in Microgravity) जैसे विषय शामिल हैं।
‘एक्सिओम मिशन-4’ न सिर्फ निजी अंतरिक्ष यात्राओं की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह भविष्य के दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों की वैज्ञानिक नींव भी मजबूत करेगा।
शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे! उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है:
- राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को सोवियत अंतरिक्ष यान सोयूज़ टी-11 से अंतरिक्ष यात्रा की।
- वे भारतीय वायुसेना के एक विंग कमांडर थे।
- उन्होंने सोवियत अंतरिक्ष स्टेशन ‘साल्यूट 7’ पर करीब 7 दिन बिताए।
- वे भारत के पहले और अब तक एकमात्र नागरिक हैं। 10 जून को जब एक्सिओम मिशन-4 उड़ान भरेगा, तब शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे।
इसके अलावा भारतीय मूल के कुछ लोगों ने भी अंतरिक्ष की यात्रा की है लेकिन वे सभी दूसरे देशों के नागरिक हैं। इनमें कल्पना चावला, सुनीता विलियिम्स, श्रीषा बंदला और राजा चारी शामिल हैं जो कि अमेरिका के नागरिक थे। गांपीचंद थोताकूरा का नाम भी भारतीय नागरिक के रूप में लिया जा सकता है लेकिन वे अंतरिक्ष में नहीं बल्कि एक लोअर ऑर्बिट यानि निचली कक्षा तक गए थे।
भारतीय मूल के पहले अंतरिक्ष पर्यटक
गोपीचंद थोताकुरा (Gopi Thotakura) वास्तव में भारतीय मूल के पहले अंतरिक्ष पर्यटक (space tourist) हैं सरकारी अंतरिक्ष यात्री नहीं। (not a government astronaut).
- गोपी थोताकुरा एक भारतीय मूल के एंटरप्रेन्योर और पायलट हैं।
- उन्होंने Blue Origin की New Shepard मिशन NS-25 में सवारी की, जो एक व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा (commercial spaceflight) थी।
- यह मिशन मई 2024 में लॉन्च हुआ था और यह एक सबऑर्बिटल फ्लाइट थी — यानी कम समय के लिए पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर जाना और वापस लौट आना।
- वे निजी यात्री के रूप में अंतरिक्ष में गए, न कि सरकारी मिशन या वैज्ञानिक प्रयोग के तहत गए।