भोपाल: अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर (International Tiger Smuggler) ताशी शेरपा को 5 वर्ष की सजा सुनाई गई है। तिब्बत निवासी ताशी शेरपा को 9 वर्षों की लंबी खोजबीन के बाद 25 जनवरी 2024 को भारत-नेपाल सीमा के पास सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। स्टेट टाइगर फोर्स की गहन जांच और न्यायालय में प्रस्तुत ठोस साक्ष्यों के आधार पर 9 मई 2025 को शेरपा को 5 साल की सजा सुनाई गई।
इंटरपोल (Interpol) मुख्यालय, ल्योन (Lyon, France) से मध्यप्रदेश वन विभाग की स्टेट टाइगर फोर्स को इस सफल अभियोजन (Successful Prosecution) के लिए बधाई-पत्र भेजा गया है। मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) के लिए चल रहे अभियान के तहत स्टेट टाइगर फोर्स (State Tiger Force) ने यह सफलता हासिल की।
मध्यप्रदेश वन विभाग ने केंद्र सरकार के निर्देश पर स्टेट टाइगर फोर्स का गठन वन्यजीव तस्करी (Wildlife Trafficking) की रोकथाम के लिए किया था। इस फोर्स ने हाल के वर्षों में कई अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। इससे पहले भी इंटरपोल द्वारा तीन बार एसटीएसएफ (STSF) के कार्यों की सराहना की जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट की विशेष निगरानी
ताशी शेरपा अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्करी नेटवर्क (Tiger Smuggling Network) की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसका जाल भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला है। जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शेरपा की जमानत याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट, नर्मदापुरम को एक वर्ष में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए थे।
स्टेट टाइगर फोर्स ने वैज्ञानिक तरीके से ब्रेन-मैपिंग (Brain Mapping) और पॉलीग्राफी (Polygraphy) परीक्षण कराए, जिससे महत्वपूर्ण सबूत जुटाए गए। साथ ही, साइबर डेटा (Cyber Data) भी एकत्र कर अदालत में प्रस्तुत किया गया।
फरार पसांग लिमी के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस
यह देश का पहला मामला है जिसमें बाघ शिकारियों, कुरियर, बिचौलियों और तस्करों समेत 28 अपराधियों के गिरोह को गिरफ्तार किया गया और सभी को दोषी ठहराया गया। गिरोह का एक सरगना जेई तमांग उर्फ पसांग लिमी फिलहाल फरार है, जिसके खिलाफ इंटरपोल द्वारा रेड कार्नर नोटिस (Red Corner Notice) जारी किया गया है। इंटरपोल के पत्र में मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर फोर्स द्वारा विदेशी बाघ तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई की सराहना की गई है। इस केस में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।