13.41 करोड़ पर्यटकों ने की मध्यप्रदेश की सैर : पि‍छले साल बना टूरिज्म का रिकॉर्ड VIDEO

भोपाल: भारत का हृदय प्रदेश यानी मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) अब एक अहम टूरिज्म प्रदेश बनता जा रहा है। साल 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक यहाँ पहुँचे — जो कि 2023 के मुकाबले 19.6%, 2019 के मुकाबले 50.6%, और 2020 के मुकाबले 526% अधिक हैं। यह आंकड़ा बताता है कि “अतुल्य मध्यप्रदेश” (Incredible Madhya Pradesh) अब भारत ही नहीं, वैश्विक पर्यटन नक्शे (Global Tourism Map) पर भी मजबूती से उभर रहा है।

धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism): आस्था बनी टूरिज्म का इंजन

  • 10.7 करोड़ पर्यटक धार्मिक स्थलों पर पहुंचे — 2023 की तुलना में 21.9% अधिक।
  • उज्जैन रहा सबसे आगे: 7.32 करोड़ पर्यटक, यानी 39% की वृद्धि।
  • चित्रकूट (1 करोड़), मैहर (1.33 करोड़), अमरकंटक, सलकनपुर, और ओंकारेश्वर जैसे स्थल भी टॉप में।
  • “महाकाल लोक” और “श्रीराम वनगमन पथ” जैसी परियोजनाओं ने आध्यात्मिक टूरिज्म को नई ऊंचाई दी।

विदेशी पर्यटक (Foreign Tourists): खजुराहो से पेंच तक आकर्षण

  • कुल 1.67 लाख विदेशी पर्यटक (Foreign Tourists) मध्यप्रदेश आए।

टॉप डेस्टिनेशन:

  • खजुराहो – 33,131
  • ग्वालियर – 10,823
  • ओरछा – 13,960
  • कान्हा, पेंच, बांधवगढ़ – लाखों विदेशी सैलानियों के पसंदीदा

विरासत पर्यटन (Heritage Tourism): इतिहास की ओर लौटते कदम

  • 80 लाख पर्यटक ऐतिहासिक स्थलों पर पहुँचे – 25% की वृद्धि।
  • ग्वालियर में पर्यटक संख्या तीन गुना बढ़ी – 9 लाख से अधिक।
  • खजुराहो, महेश्वर, भोजपुर जैसे स्थल रहे चर्चा में।
  • UNESCO टेंटेटिव लिस्ट में अब मध्यप्रदेश की 15 नई धरोहरें, और 3 पहले से स्थायी सूची में।

वन्यजीव पर्यटन (Wildlife Tourism): ‘टाइगर स्टेट’ की दहाड़

  • कान्हा – 2.48 लाख
  • पेंच – 1.92 लाख
  • बांधवगढ़ – 1.94 लाख
  • पन्ना – 3.85 लाख
  • मढ़ई – 4.34 लाख

कुनो नेशनल पार्क में चीतों की वापसी (Cheetah Reintroduction Project) अंतरराष्ट्रीय आकर्षण।

प्राकृतिक पर्यटन (Nature Tourism): प्रकृति की गोद में नया अनुभव

  • पचमढ़ी – 2.87 लाख
  • भेड़ाघाट – 2.34 लाख
  • तामिया, गांधीसागर, हनुवंतिया जैसे स्थलों पर एडवेंचर और इको-टूरिज्म (Eco-tourism) का बढ़ता चलन।
ग्रामीण पर्यटन (Rural Tourism): गाँवों में बसा है अनुभव
  • 63 पर्यटन ग्राम (Tourism Villages) विकसित,
  • 470 होमस्टे, जहां अब तक 24,000 से अधिक पर्यटक ठहरे।
  • प्राणपुर (चंदेरी) बना भारत का पहला हैंडलूम विलेज (Handloom Village)।
  • गोंड, भील, मांडना आर्ट बना विदेशी सैलानियों का आकर्षण।
फिल्म पर्यटन (Film Tourism): सिल्वर स्क्रीन से यात्रा तक
  • “स्त्री 2” की शूटिंग से चंदेरी में 47,630 पर्यटक आए।
  • महेश्वर – 13.53 लाख पर्यटक।
  • कान फिल्म फेस्टिवल में प्रदेश में शूट फिल्म Homebound की सराहना।
  • “सुई धागा”, “दबंग 2”, “पंचायत”, “महारानी” जैसी फिल्मों ने प्रदेश को फिल्म डेस्टिनेशन (Film Destination) बना दिया।
शहरी पर्यटन (Urban Tourism): आधुनिकता से सजी विरासत
  • इंदौर – 1.02 करोड़ पर्यटक (7वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर)
  • भोपाल – 22 लाख
  • जबलपुर – 23 लाख
  • क्लीन, स्मार्ट और कल्चरल एक्सपीरियंस का अनूठा मेल।
निष्कर्ष: सतत विकास की ओर ‘अतुलनीय मध्यप्रदेश’

13.41 करोड़ पर्यटक केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह संकेत है कि मध्यप्रदेश अब पर्यटन के हर पहलू में भारत का नेतृत्व कर रहा है। धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक विरासत, वन्य रोमांच, प्रकृति, संस्कृति और सिनेमा – हर क्षेत्र में राज्य ने सस्टेनेबल टूरिज्म (Sustainable Tourism) की नई परिभाषा लिखी है।

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