मोनाको (Monaco) में किसी भी ड्राइवर (driver) के लिए पहली जीत (debut win) एक खास और यादगार पल होता है। लैंडो नॉरिस (Lando Norris) ने इस जीत का पूरा आनंद लिया और मोनाको की सड़कों (streets of Monte Carlo) पर इस चुनौतीपूर्ण रेस (challenging race) को जीत कर अपनी काबिलियत साबित कर दी। मैकलारेन (McLaren) टीम के इस युवा स्टार के लिए यह जीत उनकी चैम्पियनशिप (championship) की दौड़ को नई ऊर्जा देने वाली साबित हुई है।
रेस (race) के दौरान, जब बाध्यकारी पिट स्टॉप (mandatory pit stops) लागू किए गए, तो दर्शकों को उम्मीद थी कि मोनाको ग्रां प्री (Monaco Grand Prix) एक नया रोमांचक रूप लेगी, लेकिन रेस का अनुभव कई मायनों में पुराना ही लगा।
नॉरिस की जीत ड्राइवर और टीम (driver and team) की परफेक्ट रणनीति और सटीक प्रदर्शन (precision execution) का नतीजा थी। उन्होंने फेरारी (Ferrari) के चार्ल्स लेक्लर (Charles Leclerc) को दूसरे स्थान पर रोका, जबकि उनके मैकलारेन (McLaren) टीममेट ऑस्कर पियास्त्री (Oscar Piastri) तीसरे स्थान पर रहे।
रेड बुल (Red Bull) के मैक्स वेरस्टैपेन (Max Verstappen) चौथे और फेरारी के लुईस हैमिल्टन (Lewis Hamilton) पांचवें स्थान पर रहे, जो ग्रिड (grid) में सातवें स्थान से शुरुआत कर रहे थे।
नॉरिस ने पोल पोजीशन (pole position) से शुरुआत की और सेंट डेवोट (Sainte Devote) में लेक्लर (Leclerc) को बेहद कम अंतर से पीछे रखा। इसके बाद उन्होंने रेस पर पूरी पकड़ बना ली और हार नहीं मानी।
इस जीत के बाद नॉरिस (Norris) अब पियास्त्री (Piastri) से केवल तीन अंक पीछे हैं, जबकि वेरस्टैपेन (Verstappen) तीसरे स्थान पर 25 अंक की दूरी पर हैं।
हालांकि, पूरे 78 लैप्स (78 laps) के दौरान ट्रैक पर कोई असली ओवरटेक (on-track overtakes) देखने को नहीं मिला। हैमिल्टन (Hamilton) ने केवल फर्नांडो अलोंसो (Fernando Alonso) के रिटायर (retire) होने और पिट स्टॉप (pit stop) की मदद से कुछ स्थान हासिल किए।