नई दिल्ली: अदाणी फाउंडेशन की पहल अदाणी सक्षम (Adani Saksham) ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की शानिया देवी और दीक्षा शर्मा की ज़िंदगी बदल दी है। इस स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (skill development program) ने ग्रामीण भारत के युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ड्रोन टेक्नोलॉजी (drone technology) और 3D प्रिंटिंग जैसे उन्नत कौशल सिखाकर रोज़गार के नए अवसर दिए हैं।
प्रमुख बिंदु:
- अदाणी सक्षम ने 15 राज्यों के 40+ शहरों में 1.85 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जो सालाना 479 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित कर रहे हैं।
- हाइब्रिड लर्निंग मॉडल (hybrid learning model) के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें वर्चुअल लैब्स और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल हैं।
- शानिया और दीक्षा जैसी युवतियों ने इस प्रोग्राम के ज़रिए कस्टमर सपोर्ट और वीज़ा प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में नौकरियां हासिल की हैं।
सफलता की कहानी:
शानिया, जिनके पिता का निधन हो चुका था, ने अदाणी सक्षम के AI कोर्स को पूरा कर 35% सैलरी इंक्रीमेंट के साथ नौकरी पाई। वहीं, दीक्षा ने एरियल टेलीकॉम सॉल्यूशंस में वीज़ा ऑफिसर का पद संभाला।
अदाणी फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य डिजिटल इंडिया (Digital India) और स्किल इंडिया (Skill India) मिशन को गति देना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को ग्लोबल टेक्नोलॉजी (global technology) से जोड़कर आत्मनिर्भर बना रहा है।”
यह पहल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 (National Technology Day 2025) के दौरान और भी प्रासंगिक हो गई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकनीक को आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) का आधार बताया।