2000 करोड़ रुपए के निवेश से Aircraft Engine Components निर्माण का प्रस्ताव
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने एविएशन इंडस्ट्री (Aviation Industry) को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी की प्रमुख कंपनी इनएविया एविएशन (INAVIA Aviation) के साथ साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इस सहयोग से प्रदेश में एयरक्राफ्ट इंजन कंपोनेंट्स (Aircraft Engine Components) के निर्माण और एमआरओ (MRO – Maintenance, Repair, and Overhaul) सुविधाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु:
- 500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक निवेश, जिसे चरणबद्ध तरीके से 2000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
- एयरक्राफ्ट रिसाइक्लिंग (Aircraft Recycling) और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग (Component Manufacturing) पर फोकस।
- सीएनडी चेक (CND – Conditional Non-Destructive Testing) और इंजन रिपेयर (Engine Repair) सुविधाओं का विकास।
जर्मन कंपनी का योगदान
इनएविया एविएशन जर्मनी की एक प्रमुख एविएशन कंपनी है, जो डीकमीशन्ड एयरक्राफ्ट (Decommissioned Aircraft) को रिसाइकल करके उन्हें पुनः उपयोग के लिए तैयार करती है। यह कंपनी ग्लोबल एयरलाइंस (Global Airlines) को कॉस्ट-इफेक्टिव सॉल्यूशंस प्रदान करने में विशेषज्ञता रखती है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इनएविया के मैनेजिंग पार्टनर माइकल हॉवेल (Michael Howell) के साथ हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह पहल मध्य प्रदेश को एविएशन मैन्युफैक्चरिंग हब (Aviation Manufacturing Hub) के रूप में विकसित करने में मदद करेगी।
भारत के एविएशन सेक्टर के लिए महत्व
- एमआरओ इंफ्रास्ट्रक्चर (MRO Infrastructure) के विस्तार से घरेलू एयरलाइंस को लागत कम करने में मदद मिलेगी।
- स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) और रोजगार सृजन (Employment Generation) को बढ़ावा मिलेगा।
- मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के लक्ष्यों को सपोर्ट करेगा।
- इस परियोजना से प्रदेश में हाई-टेक एविएशन इकोसिस्टम (High-Tech Aviation Ecosystem) विकसित होगा, जो भारत के एयरोस्पेस सेक्टर (Aerospace Sector) को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।