पटना: लोकसभा चुनाव में अभी तकरीबन 14 महीने की देर है, लेकिन बिहार में हलचल तेज हो गयी है। सभी पार्टियों ने अपने YR प्लान को ऐक्टिव कर दिया है। YR प्लान यानि यात्रा रैली प्लान। छोड़े-बड़े सभी दलों के नेता यात्रा और रैली पर निकल पड़े हैं या निकलने की तारीखों का ऐलान कर चुके हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तकरीबन डेढ़ महीने की समाधान यात्रा का इसी महीने समापन किया।
हालांकि उनकी यात्रा राजनीतिक नहीं थी, लेकिन चुनाव सामने है तो इसे चुनावी नजरिए से ही देखा जा रहा है। बिहार में 25 फरवरी का दिन सियासी नजरिए से काफी गहमागहमी का रहने वाला है। महागठबंधन की रैली पूर्णिया में प्रस्तावित है तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना में किसानों के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं। लौरिया में भी उनकी एक सभा का कार्यक्रम है। हम के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम माझी गरीब संपर्क यात्रा की शुरुआत कर चुके हैं। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और बाद में पार्टी से बाहर कर दिये गये आरसीपी सिंह भी बिहार में बदलाव के लिए बदलो बिहार यात्रा शुरू कर चुके हैं।
जेडीयू से जुदा हुए उपेंद्र कुशवाहा 28 फरवरी को महात्मा गांधी की कर्मस्थली भितिहरवा से अपनी यात्रा शुरू करने वाले हैं। यानी यात्राओं और रैलियों के जरिए छोटे-बड़े तकरीबन हर दल बिहार में सक्रिय हो गए हैं। इस दौरान वे अपनी उपलब्धियां गिनाएंगे, लोगों को विरोधियों से सचेत करेंगे और अपनी ताकत का भी प्रदर्शन करेंगे।पूर्णिया में अपनी ताकत का एहसास कराएगा महागठबंधनबिहार में सात दलों के साथ बना महागठबंधन पूर्णिया में शनिवार को विशाल रैली की तैयारी में जुटा है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह महागठबंधन का चुनावी शंखनाद माना जा रहा है। हालांकि इस रैली में कांग्रेस की सहभागिता कितनी रहेगी, यह स्पष्ट नहीं है। यह संशय इसलिए पैदा हुआ है कि रैली के लिए महागठबंधन की ओर से जो पोस्टर बैनर तैयार किये गये हैं, उसमें सोनिया गांधी या राहुल गांधी की कहीं तस्वीर नहीं दिखती। वैसे भी अब तक का संकेत यही है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अकेले चलने का मन बना लिया है।
कांग्रेस ने राहुल गांधी को ही आसन्न चुनाव में पीएम फेस बनाने का फैसला किया है। महागठबंधन के बड़े नेता होने के बावजूद नीतीश कुमार ने जिस तरह कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद से अपना संदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने का आग्रह किया, उससे तो यही जाहिर होता है कि कांग्रेस अभी तक अकेले चलने के ही मूड में है।
बहरहाल, रैली को कामयाब बनाने के लिए महागठबंधन ने मुस्लिम बहुल सीमांचल का चयन ही इसलिए किया कि वहां उसे संभावना दिखाई पड़ रही है। अमित शाह 25 को ही बिहार में दो सभाओं को संबोधित करेंगेपूर्णिया में जिस दिन महागठबंधन की रैली होगी, उसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में दो सभाओं को संबोधित करेंगे। पटना के बापू सभागार में आयोजित स्वामी सहजानंद के जयंती समारोह में किसान-मजदूरों को शाह संबोधित करेंगे। अमित शाह वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले लौरिया में प्रवास कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहां वे बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
पटना में वे तख्त हरमंदिर साहब में मत्था टेकेंगे। वे बीजेपी कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। शाह के वाल्मीकिनगर जाने का मूल कारण यह बताया जाता है कि 2014 में बीजेपी ने वहां से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में सीट बंटवारे में यह सीट जेडीयू ने झटक ली थी। बीजेपी को पूर्व में जीती हुई यह सीट छोड़नी पड़ी थी।उपेंद्र कुशवाहा की यात्रा 28 को भितहरवा आश्रम से आरंभ होगीजेडीयू छोड़ कर अपनी नयी पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी यात्रा का ऐलान कर दिया है। वे 28 फरवरी को महात्मा गांधी की कर्म स्थली भितिहरवा आश्रम से विरासत बचाओ नमन यात्रा आरंभ करेंगे।
उसके बाद बिहार के हर महापुरुष की जन्मभूमि तक उनके पहुंचने का कार्यक्रम है। पश्चिम चंपारण से शुरू होने वाली उनकी यात्रा के दो चरण होंगे। पहले चरण की यात्रा का समापन 6 मार्च को होगा। पहले चरण में वे मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बाजपट्टी, मधुबनी, अररिया, मधेपुरा, समस्तीपुर और सारण तक जाएंगे। दूसरे चरण की यात्रा 15 मार्च से शुरू होगी। दूसरे चरण में वे नालंदा, शेखपुरा, भागलपुर, नवादा, गया, रोहतास, सासाराम, भोजपुर और अरवल जाएंगे। अपनी यात्रा के दौरान वे महागठबंधन की नाकामियों, दांव-पेंच और कुर्सी के लिए मारामारी के बारे में जनता को बताएंगे।
आरसीपी सिंह ने बदलो बिहार यात्रा की शुरुआत कर दी हैजेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और अभी अकेले चल रहे आरसीपी सिंह ने अपनी बदलो बिहार यात्रा की शुरुआत कर दी। उनकी यात्रा मुंगेर से शुरू हुई है। यात्रा के दौरान वे लोगों को जागरूक करेंगे। जाहिर है कि आरसीपी सिंह भी अपने पूर्व के साथी उपेंद्र कुशवाहा की तरह महागठबंधन की पोल ही खोलेंगे।
यात्रा के लिए सबसे पहले उन्होंने मुंगेर संसदीय क्षेत्र के हवेली खड़गपुर अनुमंडल के खंड बिहारी गांव को चुना। उन्होंने बताया कि यह यात्रा मुंगेर से शुरू हुई है और अन्य स्थानों पर भी जाएगी। यात्रा के दौरान वे लोगों को जागरूक करेंगे। जीतन राम मांझी ने नाच-गान के साथ निकाली गरीब संपर्क यात्राबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी गरीब संपर्क यात्रा पर निकल चुके हैं।
अपनी यात्रा के दौरान वे अलग-अलग जगहों पर जाएंगे। लोगों से मिलेंगे। उनकी समस्याएं सुनेंगे। वे लोगों को विश्वास दिला रहे हैं कि उनकी समस्याओं को लेकर सीएम नीतीश कुमार से बात करेंगे। मांझी 26 फरवरी को गया के गांधी मैदान में गरीब जगाओ रैली भी करने वाले हैं। मांझी यात्रा की एक खासियत यह दिखी कि नाच-गाना भी कराया गया। बोधगया में कई जगहों पर उन्होंने पैदल यात्रा की। कुछ जगहों पर नुक्कड़ सभा और जनसभा भी आयोजित की गई।
प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा तो पहले से ही चल रही हैजेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके और फिलहाल निर्दल प्रशांत किशोर गांधी जयंती के दिन से ही जन सुराज यात्रा पर निकले हुए हैं। वे गांव-गांव जाकर नीतीश-लालू से इतर वैकल्पिक राजनीति पर लोगों से बात कर रहे हैं। सीधे कहें तो वे लालू-नीतीश राज की कमियां गिना रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहें कि वैसे लोगों को वोट करने से बचें, जिनकी चिंता के केंद्र में महज परिवार या कुर्सी है।रिपोर्ट- ओमप्रकाश अश्क