नोएडा-गाजियाबाद-गुरुग्राम में आपका भी फंसा है फ्लैट! जल्द मिल सकती है खुशखबरी

नई दिल्ली: देश के कई शहरों में दर्जनों हाउसिंग प्रोजेक्ट्स अटके पड़े हैं। इससे लाखों होमबायर्स को बड़ी मुश्किलें का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन जल्दी ही उन्हें राहत मिल सकती है। आरबीआई (RBI) उनके लिए एक खास व्यवस्था बनाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत बैंक ऐसे कस्टमर्स को अतिरिक्त फाइनेंस दे सकते हैं जिनका होम लोन अकाउंट्स रिस्ट्रक्चर्ड या रिवाइव हुआ है। माना जा रही है कि इससे देश में रुके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद मिलेगी। देश में ज्यादातर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स फंड की कमी का कारण अटके हुए हैं। देश में अटके पड़े कुल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में से दो-तिहाई एनसीआर यानी नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम तथा मुंबई में हैं। इनमें 60 परसेंट फ्लैट्स होमबायर्स ने खरीद रखे हैं और करीब दो लाख करोड़ रुपये की पूंजी लगी है।जानकारों के मुताबिक जी20 के शेरपा अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। 19 जून को इसकी एक बैठक हुई जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर में रुके हुए प्रोजेक्ट्स से जुड़े मुद्दों पर विचार किया गया। इस बैठक में बैंकों ने होमबायर्स को एक्स्ट्रा फंड जारी करने के लिए खास रेगुलेटरी व्यवस्था की मांग की। यह फंड ऐसे होम लोन अकाउंट्स को दिया जाएगा जिन्हें रिस्ट्रक्चर्ड या रिवाइव किया गया है। इस मीटिंग में शामिल हुए एक सूत्र ने कहा कि आरबीआई के एक प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया है कि बैंक खास व्यवस्था पर विचार करेगा। इस पर विचार चल रहा है। आरबीआई जल्दी ही अपने फैसले के बारे में समिति को बताएगा। इस तरह की राहत से बैंक मंजूर किए गए लोन की बाकी राशि जारी कर सकेंगे। हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के अटकने से यह बैंकों ने लोन की बची हुई राशि जारी नहीं की है। इस बारे में आरबीआई को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं आया। कैसे होगा समाधानमीटिंग में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन रवि मित्तल, फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी, फाइनेंस और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों, आरबीआई के प्रतिनिधि और नोएडा अथॉरिटी के सीईओ, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और एसबीआईकैप वेंचर्स ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि सरकार अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की समस्या के समाधान के लिए कई मोर्चों पर काम किया जा रहा है। इसमें रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी और लास्ट माइल फाइनेंसिंग के लिए स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग फंड की भी मदद ली जा रही है। साथ ही होमबायर्स को जल्दी से जल्दी फ्लैट्स की डिलीवरी के लिए आईबीसी की मदद से हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में दबाव का समाधान किया जा रहा है। इसमें हाउसिंग के लिए इनोवेटिव आईबीसी मैकेनिज्म भी शामिल है।