आखिर कांग्रेस के लिए कुछ काम क्‍यों नहीं कर रहा है? एग्जिट पोल में हालत पतली

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नई दिल्‍ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कन्‍याकुमारी से कश्‍मीर तक पैदल यात्रा कर रहे हैं। बेशक, वह कहते रहे हैं कि इस भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का चुनाव से लेनादेना नहीं है। लेकिन, बड़े पैमाने पर इस जनसंपर्क का मतलब निकालना तो मुश्किल नहीं है। आखिर पार्टी को उबारने की कोशिश के तहत ही राहुल पसीना बहा रहे हैं।

बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी ने अपना मुखिया भी बदल डाला है। सोनिया गांधी की जगह मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी प्रमुख की कुर्सी संभाल ली है। यह और बात है कि कांग्रेस के लिए कोई भी फॉर्मूला सफल साबित नहीं हो रहा है। आज एग्जिट पोल () देखकर उसे निश्चित तौर पर भारी निराशा हुई होगी। वह लगातार जमीन खोती जा रही है। सोमवार को एग्जिट पोल के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए खुशखबरी थी तो आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल भी मुस्‍कुरा रहे थे। कोई मायूस था तो सिर्फ कांग्रेस () थी। उसके लिए एग्जिट पोल में कुछ भी पॉजिटिव नहीं था। गुजरात, हिमाचल प्रदेश से लेकर एमसीडी चुनाव तक में वह बगले झांक रही थी।

कांग्रेस ने गंवा दिया मौका

यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस ने बड़ा मौका गंवाया है। बात पहले एमसीडी चुनाव से करते हैं। 15 साल से बीजेपी का एमसीडी पर कब्‍जा है। दिल्‍ली विधानसभा में आप 2014 से पावर में है। ऐसे में इन दोनों के खिलाफ सत्‍ता विरोधी लहर का कांग्रेस चुनाव में फायदा उठा सकती थी। यह और बात है कि ऐसा होता दिख नहीं रहा है। तमाम की हालत पतली दिख रही है। ज्‍यादातर एग्जिट पोल में कांग्रेस को 250 में 10 से भी कम सीट मिली हैं। सीट बढ़ना तो दूर उसका वोट प्रतिशत भी लगातार कम होता जा रहा है। एग्जिट पोलों की मानें तो राजधानी के तमाम इलाकों में उसका वोट शेयर घटा है। आप को इसका सबसे ज्‍यादा फायदा मिला है। अलग-अलग एग्जिट पोल में उसे एमसीडी चुनाव में 146 से 175 सीट तक पाते दिखाया गया है।

गुजरात में भी वापसी का चांस नहीं

गुजरात में भी कांग्रेस के पास मौका था। बीजेपी राज्‍य में 27 साल से सत्‍ता में काबिज है। राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ में यात्रा भी लेकर गए। रैलियां भी कीं। लेकिन, इसका कुछ फायदा नहीं हुआ। एग्जिट पोल के आंकड़ों में बीजेपी शानदार जीत दर्ज करते दिखाई दे रही है। सबसे दिलचस्‍प यह है कि राज्‍य में नई-नवेली आप कांग्रेस का वोट खाकर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने में सफल होती दिख रही है। कई एजेंसियों ने आप को 20 फीसदी वोट मिलने की भविष्यवाणी की है। इसमें 15 फीसदी कांग्रेस और साढ़े 3 फीसदी बीजेपी से गया है। सर्वे में आप भले ही इसे सीट में बदल नहीं पाई, लेकिन यह अरविंद केजरीवाल को उत्‍साहित जरूर करेगा। 182 सीट वाली गुजरात विधानसभा में अलग-अलग एग्जिट पोल में बीजेपी को 117 से 151 सीट तक दी गई हैं। इस तरह गुजरात में सत्‍ता विरोधी लहर की अटकलें धरी की धरी रह गई हैं। बेशक, नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं। लेकिन, यह साफ है कि गुजरात में कांग्रेस की वापसी का कोई चांस नहीं है।

हिमाचल प्रदेश में भी फंसा हुआ है मैच

हिमाचल प्रदेश में एक ट्रेंड रहा है। सत्‍ताधारी पार्टी चुनाव नहीं जीतती है। लेकिन, इस बार मैच फंस गया है। तमाम एग्जिट पोल में सत्‍ता में काबिज बीजेपी और कांग्रेस की टक्‍कर दिखाई गई है। यह तब है जब बीजेपी के खिलाफ सत्‍ता विरोधी लहर है। साथ ही पार्टी की राज्‍य इकाई में लीडरशिप क्राइसिस है। अगर कांग्रेस हिमाचल को बीजेपी से छीनने में नाकाम रहती है, तो केवल राहुल गांधी और पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आलोचनाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी-वाड्रा ने भी पहाड़ी राज्य में व्यापक प्रचार किया था। शायद कांग्रेस थोड़ा और जोर लगाती तो वह आसानी से अपनी ओर हवा का रुख कर लेती। जैसा कि राज्‍य में ट्रेंड रहा है। 68 सीट वाली हिमाचल विधानसभा में बीजेपी को 24 से 40 सीट दी गई हैं। कांग्रेस को भी 27 से 40 सीट पाते दिखाया गया है।