जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में बैठीं थीं पहलवान, अब हंगरी में मेडल जीत भारत का सिर गर्व से किया ऊंचा

नई दिल्ली: भारत की ने हंगरी के बुडापेस्ट में पॉलीक इमरे और वर्गा जानोस मेमोरियल रैंकिंग सीरीज कुश्ती चैंपियनशिप में हंगरी की विक्टोरिया बोरसोस को हराकर 59 किग्रा में ब्रॉन्ज मेडस जीती हैं। संगीता ने तीसरे-चौथे स्थान के मैच में अपने हंगेरियन प्रतिद्वंद्वी को निर्णय द्वारा जीत (वीपीओ1) में 6-2 से हराया। संगीता ने टेकडाउन मूव के साथ बढ़त बना ली और हालांकि हंगरी की पहलवान ने स्कोर 2-2 से बराबर कर लिया, लेकिन भारतीय पहलवान ने उग्र हमला किया। संगीता, जो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता बजरंग पुनिया की पत्‍नी और राष्ट्रमंडल खेलों की गोल्ड मेडस विजेता गीता फोगट की बहन हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका की जेनिफर पेज रोजर्स से करारी हार के साथ अपने अभियान की शुरुआत करने के बाद रेपेचेज राउंड के माध्यम से सेमीफाइनल में पहुंची थीं। उन्होंने तीसरे दौर में एक अन्य अमेरिकी पहलवान ब्रेंडा ओलिविया रेयना को तकनीकी श्रेष्ठता (वीएसयू1) से जीत हासिल कर, 12-2 से हराकर वापसी की थी। संगीता ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया और तेज चाल से 4-2 की बढ़त बना ली और तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मुकाबला जीत लिया। तीसरे राउंड में जीत से संगीता को सेमीफाइनल में जगह तो मिल गई लेकिन वह फाइनल में आगे नहीं बढ़ सकीं। संगीता अपना सेमीफाइनल मुकाबला पोलैंड की मैग्डेलेना उर्सज़ुला ग्लोडर के खिलाफ 4-6 अंकों से हार गईं, लेकिन तीसरे-चौथे स्थान के मैच में फिर से वापसी करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता। दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहीं थी संगीताबजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मालिक जैसे भारत के शीर्ष पहलवान कुछ दिन पहले देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन पर बैठे हुए थे। पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था। उन्होंने बृज भूशण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। काफी समय तक पहलवानों की आवाज को नहीं सुना गया था, जिसके चलते उन्होंने अपने मेडल को गंगा में बहाने का भी मन बना लिया था।