एक एकड़ जमीन पर और करेगी खेती
ड्रैगन फ्रूट में मुनाफा मिलने के बाद अब महिला किसान के द्वारा और एक एकड़ जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाएगी। इसके लिए महिला किसान ने खुद ही ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी लगाई है, जिसे तैयार होने के बाद पौध को खेत में लगाया जाएगा। ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए क्रंकीट पिलर, लोहे की रिंग टायर और गोबर की खाद की जरूरत होती है। पहले और दूसरे साल कम मुनाफा होता है, लेकिन तीसरे साल से इस खेती से लाखों रुपये का मुनाफा मिलता है। महिला किसान ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट का एक पौध 50 रुपये में बिकता है। खेत से ड्रैगन फ्रूट को सीधे वाराणसी ले जाया जाता है, जहां पर 400 रुपये प्रति किलो की हिसाब से बिक्री की जाती है।घर के काम के साथ महिलाएं कर सकती है खेती
किसान वंदना सिंह ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का विचार यूट्यूब से आया। उद्यान अधिकारी मेवाराम की तरफ से इस खेती को करने को लेकर सहयोग मिला। ड्रैगन फ्रूट की खेती से इस वर्ष 5 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। महिलाओं के लिये ड्रैगन फ्रूट की खेती सबसे अच्छा है। महिला घर का काम करने के बाद थोड़ा समय लगाकर ड्रैगन फ्रूट की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे है। ड्रैगन फ्रुट की खेती से एक दो गुना नहीं बल्कि चार गुना मुनाफा कमा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा मिलने के बाद खेती शुरू की, जहां पर कई जगह पर खेती करने के लिए सम्मानित किया गया। महिला अब चूल्हा चौका से अलग खेती करके भी आत्मनिर्भर बन सकती है। ड्रैगन फ्रूट के साथ बीच में बची जमीन पर स्ट्रॉबेरी और हल्दी की खेती की जाती है, जिससे भी काफी मुनाफा मिला है।
महिला सशक्तिकरण की उदाहरण है वंदना सिंह
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि वंदना सिंह महिला सशक्तिकरण की उदाहरण है। यह जनपद के लिए खुशी की बात है। जनपद अब ड्रैगन फ्रूट का हब बन रहा है। चुनार के रहने वाली महिला किसान वंदना सिंह ड्रैगन फ्रूट की खेती करके मुनाफा कमा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं से विशेष तौर पर अपील है कि वो भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करें और आत्मनिर्भर बने, जिससे उनके साथ और लोगों का भी कल्याण हो सके। रिपोर्ट – मुकेश पाण्डेय