इन तारीखों पर
आरबीआई ने इस साल 4 मई को रेपो रेट में 0.4 फीसदी, 8 जून को 0.5 फीसदी, 5 अगस्त को 0.5 प्रतिशत और 30 सितंबर को 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। बता दें कि रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी होने पर इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ता है। रेपो रेट का असर कर्ज की ब्याज दरों पर होगा और इससे ईएमआई में इजाफा हो जाएगा। रेपो रेट और आपकी ईएमआई आपस में जुड़े हुए हैं। आरबीआई जैसे ही रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है, बैंक लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देते हैं और आपकी ईएमआई बढ़ जाती है। आरबीआई मौद्रिक नीति को तय करने के लिए सीपीआई (CPI) यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर पर गौर करता है।
सोमवार से शुरू हुई थी बैठक
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मौद्रिक समीक्षा बैठक 5 दिसंबर 2022 यानी सोमवार से शुरू हुई थी। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा आज यानी 7 दिसंबर को की जाएगी। इस बार ब्याज दरों को लेकर कयास लगाए जा रहे है कि इसमें बढ़ोतरी की जा सकती है। मई से लेकर सितंबर महीने तक आरबीआई के रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।