
मोदी सरकार के प्रबल आलोचक
रघुराम राजन के सेलिब्रिटी गवर्नर रहे हैं। उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर रहते हुए कई बैंकिंग रिफॉर्म किए। साल 2013 में उनकी नियुक्ति यूपीए के शासनकाल में हुई, लेकिन 2016 में दो सालों तक मोदी सरकार के नेतृत्व में काम किया, लेकिन इस दौरान सरकार और उके बीच कई मतभेद रहे। रघुराम राजन मोदी सरकार के पीएलआई (PLI)स्कीम, ब्याज दरें सस्ता करने की नीतियों का विरोध किया। उनका नजरिया मोदी सरकार के फैसलों के विपरीत रहा। उन्होंने आरबीआई की कार्यशैली में मोदी सरकार के दखल को लेकर खुले आम सवाल उठाए। इतना ही नहीं आरबीआई के गवर्नर पद छोड़न के बाद भी वो मोदी सरकार के आलोचक रहे। उन्होंने मोदी सरकार के सबसे बड़े सुधार जीएसटी और नोटबंदी के फैसलों की आलोचना की। जिस तरह का रवैया रघुराम राजन का रहा, ऐसा किसी भी आरबीआई के गवर्नर का नहीं देखा गया। मोदी के आलोचक रघुराम जब राहुल के करीब आए तो बातें उठने लगी कि अर्थशास्त्री राजनीति में आने वाले हैं।
सरकार को नसीहत
ईटी नाउ के साथ एक इंटरव्यू के दौरान रघुराम राजन ने जिस तरह से मोदी सरकार को निशाने पर लिया, वो कुछ नया नहीं था। महंगाई की बात हो या विदेशी कंपनियों के लिए पीएलआई स्कीम की। राजन हमेशा की तरह अपने रवैये पर कायम रहे। रघुराम राजन ने कहा कि जिस तरह से भारत में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा रही है, उसका असर भारत के विकास पर पड़ने वाला है। भारत की ब्याज दरें बढ़ी, लेकिन निर्यात घट रहा है। कमोडिटी के दामों में उछाल के कारण महंगाई में तेजी आ रही है।
क्यों भारत जोड़ों यात्रा में लिया हिस्सा
ईटी नाऊ के साथ बात करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में उन्होंने एक नागरिक के तौर पर हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि बतौर नागरिक वो देश के मुद्दों से परिचित हैं और अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी इस भागीदारी को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने अर्थव्यवस्था के अलग-अलग पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि साल 2023 न केवल भारत के लिए बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती है।
बजट 2023 को लेकर सीख
मोदी सरकार के बजट 2023 को लेकर भी उन्होंने कहा कि सरकार को बजट में टैरिफ में इजाफा नहीं करना चाहिए। राजन ने कहा कि बजट रिफॉर्म के विजन पर केंद्रिच होना चाहिए। सरकार को इस बजट में टैरिफ बढ़ोतरी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भारच चीन का विकल्प बनना चाहता है तो उसे टैरिफ इजाफे को रोकना होगा। राजन ने कहा कि कंपनियां चीन के विकल्प की तलाश कर रही है, लेकिन मैं ये भी नहीं कर रहा है कि भारत इसका एकलौता विक्लप हैं। अगर भारत टैरिफ बढ़ाता रहा तो निवेश में बाधा आएगी।
चीन का विक्लप, लेकिन
रघुराम राजन ने कहा कि विदेशी कंपनियां भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देख रही हैं और यहां निवेश करने के लिए आकर्षित है। भारत को विदेशी कंपनियों के लिए नंबर 1 विकल्प बनने के लिए स्थिर और स्पष्ट नीतियों पर विचार करना चाहिए। सरकार को अपनी नीतियों को एफडीआई के अनुकूल बनाना होगा। उन्होंने सरकार के प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम पर फिर से सवाल उठाया और कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी चिंताजनक है। उन्होंने आरबीआई के ब्याज बढोतरी समेत कई फैसलों पर सवाल उठाए। जिस तरह से राजन लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रहे हैं उसे देखकर कहना गलत नहीं होगा कि राजनीति में नहीं रहने के बावजूद वो सरकार के लिए विपक्षी की भूमिका निभा रहे हैं।