नई दिल्ली : भारत ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की शनिवार को घोषणा की। साथ ही वैश्विक स्तर पर पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाकर 20 फीसदी तक करने की अपील के साथ G20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया। इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी समेत कई वैश्विक नेता मौजूद थे। भारत के अलावा, इस गठबंधन की शुरुआत करने वाले सदस्य देशों में अर्जेंटीना, बांग्लादेश, ब्राजील, इटली, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, UAE और अमेरिका शामिल थे। जबकि कनाडा और सिंगापुर पर्यवेक्षक देश हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक पृथ्वी’ सत्र को संबोधित करते हुए ‘पर्यावरण और क्लाइमेट की निगरानी के लिए G20 सैटलाइट मिशन शुरू करने का प्रस्ताव भी किया। उन्होंने G20 नेताओं से ‘ग्रीन क्रेडिट’ पहल पर भी काम शुरू करने का आग्रह किया।ऊर्जा ट्रांजिशन 21वीं सदी की अहम जरूरतमोदी ने कहा, ‘क्लाइमेट चेंज की चुनौती को देखते हुए ऊर्जा ट्रांजिशन 21वीं सदी की दुनिया की एक अहम जरूरत है। इसके लिए खरबों डॉलर की जरूरत है और विकसित देश इसमें बहुत अहम भूमिका निभा सकते हैं। भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के सभी देश इस बात से खुश हैं कि विकसित देशों ने इस 2023 में सकारात्मक पहल की है। विकसित देशों ने पहली बार क्लाइमेट फाइनैंस के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने की इच्छा जताई है।’चीन, सऊदी अरब और रूस नहीं बने हिस्सागठबंधन के तीन संस्थापक सदस्य, अमेरिका, भारत और ब्राजील इथेनॉल के वैश्विक उत्पादन में लगभग 85 प्रतिशत का योगदान करते हैं। मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। मैं इस गठबंधन में शामिल होने वाले सदस्य देशों को धन्यवाद देता हूं।’ हालाँकि, चीन और तेल उत्पादक सऊदी अरब और रूस ने गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया है।ओपेक समूह का विकल्पनए गठबंधन को जैव ईंधन के उत्पादन और व्यापार को बढ़ाने के लिए मांग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने और ओपेक समूह के विकल्प के रूप में मदद करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में देखा जा रहा है। भारत ऐसे समय में ईंधन के लिए अपनी आयात निर्भरता में कटौती करने के लिए विभिन्न स्रोतों के माध्यम से अपने जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जब ओपेक प्लस समूह ने लगातार उत्पादन में कटौती लागू किया है। जी20 नेताओं की शनिवार को जारी घोषणा में कहा गया कि सदस्य देश ‘हमारी शून्य और कम उत्सर्जन विकास रणनीतियों में टिकाऊ जैव ईंधन के महत्व को पहचानते हैं, और एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना पर ध्यान देते हैं।'(एजेंसी इनपुट के साथ)