अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में विपक्ष अपनी राजनीतिक लाइन तय कर पाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। एक तरफ अखिलेश यादव पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक को मिलाकर पीडीए फ्रंट की धारा बहाने की बात करते हैं। वहीं, उनकी ही पार्टी की विधायक और अपना दल कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल पीडीए पॉलिटिक्स पर सवाल खड़े करती हैं। दरअसल, राज्यसभा चुनाव में पीडीए पूरी तरह से आउट ऑफ फोकस रहा है। आलोक रंजन और जया बच्चन को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर अखिलेश बुरी तरह से घिरे हैं। हालांकि, 27 फरवरी को होने वाली वोटिंग पर हर निगाहें हैं। साथ ही, पीडीए पॉलिटिक्स के धरातल पर उतरने की उम्मीद अब विधान परिषद चुनाव पर टिक गई है। मुस्लिम संगठनों की नजर एमएलसी चुनाव पर टिकी हुई है। अब देखने वाली बात होगी कि पीडीए की दुहाई देने वाले अखिलेश यादव विधान परिषद में मुस्लिम उम्मीदवारों का ऐलान करेंगे या एक बार फिर इस वर्ग को नजरअंदाज करेंगे। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने पसमांदा मुस्लिम समाज से विधान परिषद भेजने की मांग भी कर दी है।मुस्लिम वोट बैंक पर नजरलोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दलों की निगाहें मुस्लिम समाज पर टिक गई है। सपा, बसपा, कांग्रेस के साथ ही बीजेपी भी मुसलमानों को अपने पाले में लाने में जुट गई है। इसी बीच यूपी में 13 विधानपरिषद की सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर पासमंदा मुस्लिम समाज से एक सदस्य को विधान परिषद भेजने की मांग भी उठने लगी है। इसको लेकर सपा के राष्ट्रीय सचिव और पासमंदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने सपा मुखिया आखिलेश यादव से मांग की है। वहीं पासमंदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी को विधानपरिषद भेजने की मांग उठी है। अनीस मंसूरी ने कहा कि हमें विधानपरिषद भेजने के लिए हमारे संगठन ने प्रस्ताव भी पास किया है। राज्यसभा चुनाव का उठाया मुद्दाअनीस मंसूरी ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में एक भी मुस्लिम समाज से प्रत्याशी न होने के कारण मुसलमान में इसको लेकर नाराजगी है। इस बात को अखिलेश यादव भी समझ गए हैं। इसलिए इस बार पसमांदा मुस्लिम समाज के एक सदस्य को विधान परिषद जरूर भेजेंगे। राज्यसभा की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पीडीए की बात करते हैं इसलिए पीडीए से पासमंदा मुस्लिम समाज से एक सदस्य को जरूर विधानपरिषद भेजेंगे। अनीस मंसूरी ने कहा कि इससे पहले राज्यसभा चुनाव में पासमंदा समाज के सदस्य को भेजने के लिए अखिलेश यादव से मांग की थी लेकिन किसी कारण जगह नहीं मिल पाई। इस बार भी सपा मुखिया को पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने सपा मुखिया से आगामी लोकसभा चुनाव में 5 सीट मांगी है।अनीस मंसूरी ने समझाया समीकरणपासमंदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने कहा कि मुसलमान में 85 परसेंट पसमांदा मुस्लिम समाज सपा के साथ है। जब भी बारी आती है राजसभा या विधान परिषद की तो अपर कास्ट मुस्लिम समाज से किसी को राज्यसभा भेज दिया जाता है। उसमें हमारी उपस्थिति शून्य हो जाती है। पसमांदा समाज ने ही 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनवाई थी इसलिए हम चाहते हैं कि मुसलमान में पसमांदा समाज से किसी एक सदस्य को भेजा जाए। उन्होंने बताया कि बीते 16 दिसम्बर को पासमंदा मुस्लिम समाज से जुड़े सदस्यों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी। उस मुलाकात के दौरान हमने अपनी मांगे अखिलेश यादव के सामने रखी थी। मंसूरी ने कहा कि अगर अखिलेश यादव राज्यसभा के बाद एमएलसी चुनाव में भी पासमंदा समाज के सदस्य को नहीं भेजेंगे तो इससे पासमंदा मुस्लिम समाज में आक्रोश व्याप्त हो जाएगा। इससे आगामी लोकसभा चुनाव में सपा को नुकसान हो सकता है। वहीं, यह चुनाव अब अखिलेश के लिए पीडीए को जमीन पर उतरा दिखाने का एक माध्यम भी बन सकता है।