
निरर्थक, कोई जरूरत नहीं
पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति विशेषज्ञों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रूस के लिए यूक्रेन पर परमाणु हथियारों से हमला करना निरर्थक है। उन्होंने कहा कि हमें इसकी कोई जरूरत नहीं दिख रही है। इसका कोई मतलब नहीं है, न तो राजनीतिक और न ही सैन्य। पुतिन ने अपने लंबे भाषण में अमेरिका और उसके सहयोगियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर प्रभुत्व के “खतरनाक, रक्तरंजित और गंदे” खेल में अन्य देशों पर अपनी शर्तों को थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
पश्चिमी देशों पर बरस पड़े पुतिन
पुतिन ने दलील दी कि दुनिया एक अहम मोड़ पर है, जहां पश्चिम अब मानव जाति के लिए अपनी इच्छा थोपने में सक्षम नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा करने की कोशिश करता है और ज्यादातर देश अब इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि पश्चिमी नीतियां से और अधिक अराजकता पैदा होगी। उन्होंने दावा किया कि पश्चिमी देश रूस की संप्रभुता के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इससे पहले भी पुतिन अपनी जमीन पर हमला होने की स्थिति में कड़ी जवाबी कार्रवाई की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने तब कहा था कि रूसी जमीन पर हमला हुआ तो हम परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी नहीं हिचकेंगे।
पुतिन की सफाई पर दुनिया को भरोसा क्यों नहीं?
पुतिन ने दावा किया है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर पहमाणु हमला नहीं करेगा। लेकिन, पहले कई ऐसे मौके आए हैं, जब पुतिन अपने वादे से मुकर गए हैं। 24 फरवरी को यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के ऐलान से एक दिन पहले तक पुतिन ने हमले से इनकार किया था। उन्होंने तब कहा था कि रूसी फौज कॉम्बेट रेडीनेस को जांचने के लिए अभ्यास कर रही है। उन्होंने कहा था कि रूसी फौज अपनी सरहद के अंदर कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्रत है और इस पर किसी भी देश को सवाल नहीं पूछने चाहिए। इसके बावजूद रूसी फौजन ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था।