तेहरान: ईरान ने पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइल का एक नया वेरिएंट सार्वजनिक किया है। इस हाइपरसोनिक मिसाइल का नाम फतह-2 है। इससे पहले ईरान ने फतह-1 नाम से भी एक हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया था। लेकिन, ईरान ने अभी तक इस मिसाइल को न तो अपनी सेना में शामिल किया है और ना ही टेस्ट से संबंधित कोई वीडियो, जानकारी या डेटा सार्वजनिक किया है। इस साल जून में ईरान ने पहली बार फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का अनावरण किया था। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने दावा किया कि उसने इस मिसाइल का आविष्कार किया है। ईरान के पास पहले से ही एक प्रभावशाली मिसाइल प्रोग्राम है, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइल की प्रौद्योगिकी को प्राप्त करना काफी कठिन माना जाता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक अमेरिका, भारत, जापान, फ्रांस और ब्रिटेन के पास अपनी खुद की कोई हाइपरसोनिक मिसाइल नहीं है, जबकि ये देश लंबे समय से इस तकनीक पर काम कर रहे हैं।क्या होता है हाइपरसोनिक हथियारहाइपरसोनिक हथियार एक ऐसा हथियार है जो हाइपरसोनिक गति से यात्रा करने में सक्षम है। हाइपरसोनिक को ध्वनि की गति से 5 से 25 गुना या लगभग 1 से 5 मील प्रति सेकंड (1.6 से 8.0 किमी/सेकेंड) के बीच परिभाषित किया गया है। ऐसी गति से नीचे यात्रा करने वाले हथियारों को सबसोनिक या सुपरसोनिक के रूप में जाना जाता है। हाइपरसोनिक हथियार कई प्रकार के होते हैं, जिनमें हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन (एचजीवी) और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रमुख होता है। हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन मिसाइल का ही एक प्रकार होते हैं जो प्रारंभिक बैलिस्टिक प्रक्षेपण चरण के बाद उच्च गति पर वायुमंडल में उड़ान भर सकते हैं। वहीं, हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल उच्च गति तक पहुंचने के लिए स्क्रैमजेट जैसे शक्तिशाली इंजन का उपयोग करती हैं।ईरान में हाइपरसोनिक तकनीक हासिल करने की होड़ईरान मध्य पूर्व के हालात को देखते हुए तेजी से हाइपरसोनिक तकनीक हासिल करने की होड़ में जुटा है। ऐसी तेज गति से चलने वाली मिसाइलों को रोकना कठिन होता है। ईरान को लगता है कि ऐसे हथियार हासिल करने से वह अपने सबसे बड़े दुश्मन इजरायल को मात दे सकता है, जिसके पास परमाणु हथियार है। ईरान यह भी दिखाना चाहता है कि उसके पास वह क्षमता है, जो अमेरिका के पास भी नहीं है। वह तकनीक के मामले में भी अमेरिका और इजरायल को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। पर, ईरान के इस ताकत का अभी तक कोई सार्वजनिक परीक्षण नहीं किया गया है।क्या सच में हाइपरसोनिक है ईरान की मिसाइलसवाल उठता है कि ईरान ऐसी मिसाइलों को बनाने की कोशिश क्यों कर रहा है जिनके बारे में उसने साबित नहीं किया है कि वे काम करेंगी? ईरान का पहला मॉडल, फतह-1 की रेंज 1,400 किमी थी। दावा किया गया था कि फतह-1 मिसाइल मैक 13-15 (16,000-18,500 किमी प्रति घंटे) की गति से उड़ने में सक्षण है। मैक 5 (लगभग 6,200 किलोमीटर प्रति घंटा) हाइपरसोनिक के लिए बाधा है, जो ध्वनि की गति (1,235 किलोमीटर प्रति घंटा) से पांच गुना अधिक गति से उड़ता है। यदि मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति प्राप्त कर सकती हैं, तो वे केवल सुपरसोनिक होने के विपरीत “हाइपरसोनिक” हैं।री एंट्री व्हीकल का इस्तेमाल करती है मिसाइलइंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) में एक लेख में फैबियन हिंज ने कहा है कि फतह मिसाइल ठोस-प्रणोदक ईंधन के पहले चरण का उपयोग करता है, जो पिछली ईरानी डिजाइनों को प्रतिबिंबित करता है। मिसाइल के दूसरे चरण में वॉरहेड, एरोडायनेमिक कंट्रोल और थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल (टीवीसी) के लिए एक जंगम नोजल के साथ एक छोटी ठोस-प्रणोदक मोटर शामिल है। फतह का दूसरा चरण HGV [हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन] के बजाय एक री एंट्री व्हीकल (MaRV) जैसा दिखता है।