इस्लामाबाद: भारत में पिछले कुछ दिनों में जी-20 देशों के वित्त और विदेश मंत्रियों की बैठक हुई है। इसमें हिस्सा लेने के लिए अमेरिका, चीन से लेकर रूस तक के मंत्री पहुंचे थे। इन सबके बीच जी-20 देशों की बैठक पर जिस देश की प्रमुखता से नजरें टिकी हुई थीं, उनमें हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है। जी हां, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है और देश के श्रीलंका की तरह से डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक भारत के जी-20 सम्मेलन आयोजित करने से अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को मदद मिल सकती है, वह भी तब जब पाकिस्तान की सरकार कर्ज की निरंतरता की समस्या से जूझ रही है।पाकिस्तान इस समय कर्ज के लिए आईएमएफ के आगे गिड़गिड़ा रहा है लेकिन देश की बार-बार भीख मांगने की आदत को देते हुए वैश्विक एजेंसी लोन देने से किनारा कर रही है। भारत के पड़ोसी देशों श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव कर्ज से कराह रहे हैं। इन देशों को कर्ज से राहत दिलाने के लिए भारत ने लोन को रिस्ट्रक्चर करने का मुद्दा जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में उठाया है। भारत अभी जी-20 का अध्यक्ष और वह कर्ज में फंसे देशों के लिए रिस्ट्रक्चरिंग का प्लान पेश कर रहा है। पाकिस्तान पर अमेरिका बनाम चीन इस प्रस्ताव का उद्देश्य कर्ज देने वाले देशों को कर्ज को कम करने के लिए राजी करना था। जी-20 के वित्त मंत्री जहां 25 फरवरी को बेंगलुरु में मिले हैं, वहीं विदेश मंत्री गुरुवार को दिल्ली में मिले हैं। पाकिस्तान को उम्मीद है कि दुनिया 20 शक्तिशाली देशों के वित्त और विदेश मंत्रियों की बैठक उसके लिए संकट से निकलने का रास्ता खुल सकता है। पाकिस्तान पर अभी करीब 100 अरब डॉलर का लोन है। इसमें से 30 अरब डॉलर से ज्यादा लोन तो केवल चीन का है। वहीं 10 फीसदी पाकिस्तानी कर्ज पश्चिमी देशों का है। इस बीच चीन ने भारत के इस कदम के बाद कहा है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक निष्पक्ष और व्यापक विश्लेषण करें ताकि वैश्विक कर्ज संकट का पता लगाया जा सके। पाकिस्तान ने अभी चीन से फिर कर्ज लिया है। ऐसा अनुमान है कि साल 2022-23 में भी पाकिस्तान सरकार के कर्ज का स्तर काफी ज्यादा बना रह सकता है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि जी-20 में कर्ज का मुद्दा उठने से उसे राहत मिल सकती है। अमेरिका ने भी पाकिस्तान को चीन के कर्ज को लेकर चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि वह चीन को अपने कर्ज को रिस्ट्रक्चर करने के लिए कहे। अमेरिका के इस बयान के बाद अब चीन ने कहा है कि पाकिस्तान के संकट के लिए कुछ पश्चिमी देश जिम्मेदार हैं। चीन का इशारा अमेरिका की ओर था। इस बीच रेटिंग एजेंसियों ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान डिफॉल्ट हो सकता है।